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खत्म हो गया चुनावी महासमर, अब कभी भी बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए कितने बढ़ेंगे रेट्स

पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव 7 मार्च के आखिरी दौर के मतदान के साथ ही खत्म हो चुका है. 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आयेंगे लेकिन माना जा रहा है कि इससे पहले ही लोगों की जेब कटने वाली है. यानि होली पर महंगाई आपको सताने वाली है. क्योंकि आज के बाद से कभी पेट्रोल डीजल के दाम में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हो सकता है. सरकारी तेल कंपनियों को सरकार के हरी झंडी का इंतजार है और वे कभी भी पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाना शुरू कर सकती हैं. वैसे भी पेट्रोल डीजल पर तेल कंपनियों को भारी अंडर रिकवरी का सामना करना पड़ा रहा है.

कितना महंगा होगा पेट्रोल डीजल 

आपको बता दें, कच्चे तेल के दामों में हर एक डॉलर की बढ़ोतरी होने पर सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल के दामों में 40 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ाती हैं. एक दिसंबर 2021 को 68 डॉलर प्रति बैरल के न्यूनत्तम स्तर तक छूने के बाद से कच्चा तेल अब 139 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुका है. यानि 69 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा कच्चा तेल पिछले करीब 97 दिनों में महंगा हो चुका है. 5 डॉलर तक कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के बाद 2 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल डीजल महंगा होता है. अगर रुपये के मुकाबले डॉलर में आई कमजोरी को भी जोड़ ले तो इस हिसाब से सरकारी तेल कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई करने की पेट्रोल डीजल के दामों को करीब 25 रुपये प्रति लीटर तक कम से कम बढ़ाने होंगे.

ब्रेक ईवन के लिए 12 रुपये बढ़ाने होंगे दाम 

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) ने एक रिपोर्ट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों के साथ – जिस पर घरेलू ईंधन खुदरा कीमतें जुड़ी है. सरकारी तेल कंपनियों को ब्रेक ईवन यानि नुकसान को खत्म करने के लिए 16 मार्च, 2022 तक या उससे पहले 12.1 रुपये प्रति लीटर की भारी कीमत वृद्धि की आवश्यकता है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि तेल कंपनियों के लिए मार्जिन को शामिल करने के बाद कीमतों में 15.1 रुपये की बढ़ोतरी की जरूरत है.

कच्चे तेल के दाम रिकॉर्ड लेवल पर

रुस और यूक्रेन युद्ध ( Russia Ukraine War ) के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 14 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है. रूस से तेल की आपूर्ति में व्यवधान की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का दाम 2008 के बाद पहली बार 139 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया है. तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) की जानकारी के मुताबिक, भारत में कच्चे तेल की खरीदारी 3 मार्च को बढ़कर 117.39 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जो 2012 के बाद सबसे ज्यादा है. जबकि नवंबर 2021 के शुरुआत में इंडिन बॉस्केट प्राइस क्रूड ऑयल का औसतन 81.5 डॉलर प्रति बैरल था. साफ है कच्चे तेल के दामों में ये इजाफा भारतीयों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है. जो खपत के लिए आयात पर निर्भर है. भारत अपने ईंधन खपत का 80 फीसदी आयात करता है.

चार मेट्रो में पेट्रोल डीजल के दाम

फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 95.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 86.67 रुपये चुकाना पड़ रहा है. मुंबई वासियों को पेट्रोल के लिए 109.98 रुपये तो डीजल के लिए 94.14 रुपये प्रति लीटर चुकाना पड़ रहा है. चेन्नई में पेट्रोल के लिए 101.40 रुपये प्रति लीटर तो डीजल के लिए 91.43 रुपये में मिल रहा है. कोलकाता वासियों को पेट्रोल के लिए 104.67 रुपये को डीजल के लिए 89.78 रुपये प्रति लीटर देना पड़ रहा है.

 

 

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