संपत्ति की बिक्री के जरिए 2.5 लाख करोड़ रुपये जुटाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने सड़कों, बिजली ट्रांसमिशन, तेल और गैस पाइपलाइनों, और टेलीकॉम टावरों, खेल स्टेडियमों सहित अन्य एसेट के मॉनेटाइजेशन की योजना तैयार की है. गौरतलब है कि सरकार द्वारा शॉर्टलिस्ट की गई संपत्ति आठ मंत्रालयों के दायरे में आती हैं. इन मुख्य क्षेत्र परिसंपत्तियों के साथ, इस योजना में 150 यात्री गाड़ियों को प्राइवेट करना शामिल है.
इसके अलावा केंद्र सरकार ने दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और हैदराबाद हवाई अड्डों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना तैयार की है जिसके अंतर्गत पहले से निजीकृत हवाई अड्डों में अपनी बाकी बची हुई हिस्सेदारी भी बेचना चाह रही है.साथ ही 13 अन्य हवाई अड्डों के निजीकरण की भी पूरी तैयारी की जा रही है. सूत्रों ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम जैसे स्टेडियम को भी लीज पर देने की प्लानिंग कर रही है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक नीति आयोग FY21-24 के लिए एक राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन तैयार करने की प्रक्रिया में है और उसने मंत्रालयों को पाइपलाइन में शामिल की जाने वाली एसेट की जानकारी करने, उनकी पहचान करने और साझा करने के लिए कहा है. एसेट मॉनेटाइजेशन के लिए सचिवों का एक कोर ग्रुप पिछले महीने 2021-22 में मॉनेटाइजेशन के लिए पहचानी गई संपत्तियों की सूची पर चर्चा करने के लिए मिला था
रिपोर्ट के मुताबिक जहां सरकार दो साल से अधिक समय से एसेट बिक्री की योजना बना रही है तो वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में एसेट मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन के व्यापक संदर्भ प्रस्तुत किए. इसके बाद, प्रधान मंत्री ने अपना जोर निजी क्षेत्र के पीछे रखा और कल्याण और विकास परियोजनाओं में खर्च करने के लिए सरकार के साथ संपत्ति के प्राइवेटाइजेशन और मॉनेटाइजेशन को जोड़ने की मांग की थी.
वहीं सूत्रों के अनुसार, रेल मंत्रालय ने 2021-22 में एसेट के मॉनेटाइजेशन के जरिए 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें वर्ष के दौरान 150 यात्री गाड़ियों को प्राइवेट प्लेयर्स को देने की योजना है. मार्च के अंत तक 50 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए RFPs (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) और RFQ (रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन) जारी करने की भी उम्मीद है.
वहीं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की योजना 7,200 किलोमीटर लंबी सड़कों को विभिन्न प्रकार के माध्यमों से मॉनेटाइज करने की है, जिसमें बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट), टोल-आपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) और प्रतिभूतिकरण शामिल हैं. सरकार की योजना है कि दो लॉट में पीजीसीआईएल की संपत्तियों को मॉनेटाइज किया जाए. सबसे पहले, यह 2021-22 में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के मॉनेटाइजेशन की योजना बना रहा है.
इसके अलावा, सरकार की योजना एमटीएनएल, बीएसएनएल और भारतनेट की एसेट के मोनेटाइजेशन करने की भी है. दूरसंचार विभाग ने कोर समूह को सूचित किया है कि उसने पहले ही बीएसएनएल की टावर संपत्तियों के विमुद्रीकरण और भारतनेट के तहत ऑप्टिकल फाइबर का काम शुरू कर दिया है. हालांकि, समिति ने बीएसएनएल की दूरसंचार और गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों (भूमि पार्सल) के मॉनेटाइजेशन की स्लो प्रोग्रेस को लेकर चिंता जताई है.
वहीं 20,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के साथ, युवा मामले और खेल मंत्रालय ने इसके दायरे में स्पोर्ट्स स्टेडियम के मॉनेटाइजेशन की योजना बनाई है. इसके तहतमंत्रालय ने एसेट की पहचान करने के लिए एक एक्सरसाइज शुरू करने की योजना बनाई है साथ ही समिति ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम प्रोजेक्ट के लिए लेनदेन सलाहकार की नियुक्ति में तेजी लाने के लिए कहा है. गौरतलब है कि संचालन और रखरखाव अनुबंध के माध्यम से स्टेडियमों को निजी क्षेत्र को पट्टे पर दिए जाने की संभावना है.
सरकार पहले से निजिकृत हवाई अड्डों में भी अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही हैं साथ ही 13 अन्य हवाई अड्डों के प्राइवेटाइजेशन की तैयारी भी हो रही है. सरकार आठ मंत्रालयों के अलावा भी कई और मिनिस्ट्री के तहत एसेट के मॉनेटाइजेशन की योजना बना रही है. इनमे कुछ संभावित मंत्रालय कोयला मंत्रालय, खान मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय शामिल किए जाने की संभावना है ताकि 2.5 करोड़ जुटाने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके.