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कार इंश्योरेंस समय पर करा लें रिन्यू, नहीं तो झेलना पड़ सकता है आर्थिक नुकसान

कार इंश्योरेंस को रिन्यू कराने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए. हमेशा समय रहते इसे रिन्यू करा लेनी चाहिए. कोशिश करें की आपकी पॉलिसी लैप्स होने की नौबत न आए. क्योंकि अगर आपकी पॉलिसी लैप्स होती है और उसके बाद कार को कोई नुकसान होता है या फिर कार चोरी हो जाती है तो आपको काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है.

इंश्‍योरेंस कंपनियां आमतौर पर तय तारीख से 15 से 30 दिन का ग्रेस पीरियड देती हैं. आप इस दौरान अपना प्रीमियम भर सकते हैं. अगर आप ग्रेस  पीरियड में भी ऐसा नहीं करते हैं तो नई कार इंश्‍योरेंस पॉलिसी खरीदनी पड़ती है.

कार इंश्योरेंस ऐसे कराएं ऑनलाइन रिन्यू

  • इंश्‍योरेंस एजेंसी की वेबसाइट में लॉग-इन करें.
  • मौजूदा पॉलिसी रिन्‍यू करने का ऑप्शन चुनें.
  • मौजूदा पॉलिसी नंबर और ईमेल आईडी डालकर ऑनलाइन फॉर्म भरें.
  • नई पॉलिसी के प्रीमियम का कोटेशन दिखाई देगा.
  • कोटेशन से आप सहमत हैं तो रिन्‍यूअल के लिए आगे बढ़ें. नहीं तो दूसरी इंश्‍योरेंस एजेंसी में स्विच करें और बेहतर विकल्‍प देखें.
  • कोटेशन स्‍वीकार करने पर प्रीमियम की पेमेंट तुरंत हो सकती है.
  • डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग या अन्‍य ऑनलाइन वॉलेट से पेंमेंट की जा सकती है.
  • पेमेंट के बाद आपके ईमेल पर एक एकनॉलेजमेंट आएगा.
  • आपको ईमेल आईडी पर रिन्‍यू किए गए पॉलिसी डॉक्‍यूमेंट प्राप्‍त होंगे.

रिन्यूअल के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

विकल्पों की तुलना करें

रिन्‍यूअल के वक्‍त ऑनलाइन उपलब्‍ध तमाम विकल्‍पों की तुलना कर लें. क्‍या दूसरी बीमा कंपनी बेहतर ऑफर दे रही है इसे जरुर जांच लें. पॉलिसी फीचर, प्रीमियम, इंश्‍योर्ड डेक्‍लेयर्स वैल्‍यू (आईडीवी) इत्‍यादि की जांच करें.

प्‍लान का प्रकार

थर्ड पार्टी मोटर इंश्‍योरेंस को खरीदना अनिवार्य है. यह आपकी कार से दूसरे व्‍यक्ति को हुए जान-माल के नुकसान को कवर करता है.  अगर किसी के पास थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस प्‍लान है तो कॉम्प्रिहेंसिव प्‍लान का विकल्‍प देखना चाहिए. इसमें थर्ड पार्टी के साथ ओन डैमेज दोनों कवर होते हैं. इस तरह एक ही प्‍लान में दोहरा बेनिफिट मिलता है.

एड-ऑन फीचर

कार इंश्‍योरेंस प्‍लान को रिन्‍यू कराते वक्‍त एड-ऑन कवर रिव्यू जरुर करें. इस दौरान पॉलिसीधारक को सभी आवश्‍यक एडजस्‍टमेंट कर लेने चाहिए और अपना प्‍लान अपने अनुकूल बना लेना चाहिए. यह उन्‍हें अपनी जरूरत के अनुसार मौजूदा एड-ऑन कवर बढ़ाने में मदद करेगा.

कवर की शर्तें

कई बार बीमा कंपनियां नियम-शर्तों या फीचरों को बदलती हैं. अगर आप इन नए बदलावों से संतुष्‍ट नहीं हैं तो वे अलग प्‍लान चुन सकते हैं.

 

 

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