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होलिका दहन के दौरान रहेगा भद्राकाल, 3 घंटे बाद तक शुभ कार्य वर्जित, जानें सही मुहूर्त

 

हिंदू कैलेंडर में चैत्र मास से नए साल की शुरुआत होती है और हिंदू धर्म में नए साल का स्वागत रंगों का त्योहार होली के साथ किया जाता है. इस दौरान लोग एक दूसरे को रंग, अबीर, गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं और होली का परिवार के साथ जश्न मनाते हैं. लेकिन होली से ठीक पहले होलिका दहन किया जाता है. इस दौरान लोग लकड़ी, खरपतवार सहित कई अन्य चीज जलाकर होलिका दहन का त्योहार मनाते हैं.

इस वर्ष 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन के लिए सही समय का होना बेहद जरूरी है. ज्योतिषाचार्य पंडित मनोहर आचार्य बताते हैं कि इस वर्ष 24 मार्च को होलिका दहन होगा और रात्रि में होलिका दहन किया जाएगा.

जानिए किस मुहूर्त में होलिका दहन करना रहेगा सही
होलिका दहन करने के लिए 24 मार्च की रात्रि 10:35 के बाद सही समय शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि 24 मार्च को सुबह से लेकर रात्रि 10:35 तक भद्रा काल लगा रहेगा. भद्रा काल में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य, पूजा पाठ, होम जप, हवन इत्यादि नहीं किया जाता है. भद्रा काल में सारे काम करना वर्जित माना गया है.

ऐसे में भद्रा काल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए. भद्रा काल के बाद ही होलिका दहन करना सही रहेगा, इसलिए 10:35 के बाद होलिका दहन किया जा सकता है.

होलिका दहन करने का सबसे उचित समय
भद्राकाल समाप्त होने के बाद यह नियम है कि 3 घंटे तक किसी प्रकार का कोई शुभ काम नहीं होता है. 24 मार्च को रात्रि 10:35 तक भद्रा काल समाप्त हो रहा है. इस कारण रात्रि 12:55 से लेकर सुबह के 3:00 तक होलिका दहन किया जा सकता है.

सुबह 3:00 बजे के बाद प्रातः काल की बेला होती है और उसे ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है, ब्रह्म मुहूर्त में भी होलिका दहन नहीं किया जा सकता है. इसलिए इस वर्ष होलिका दहन रात्रि 12:55 से लेकर 3:30 बजे सुबह तक ही किया जा सकेगा.

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