पीएफ की तरह ही अब आप एक नौकरी से दूसरी नौकरी बदलने पर ग्रेच्युटी भी ट्रांसफर करा सकते है. जिस तरह से EPF अकाउंट एक कंपनी से दूसरी कंपनी में ट्रांसफर हो जाता है, उसी तरह से अब आपकी ग्रेच्युटी की रकम भी नौकरी बदलने पर ट्रांसफर हो जाएगी. केंद्र सरकार की एक अधिसूचना में कहा गया है कि इस संबंध में नियम जल्द लागू हो जाएंगे.
केंद्र सरकार, कर्मचारी यूनियन और इंडस्ट्री के बीच मौजूदा ग्रैच्युटी स्ट्रक्चर में बदलाव पर भी मंजूरी कायम हो गई है. अब ग्रैच्युटी ट्रांसफर को सोशल सिक्योरिटी कोड में शामिल किया जाएगा. सरकार-यूनियन और इंडस्ट्री के बीच मौजूदा ग्रैच्युटी स्ट्रक्चर में बदलाव पर सहमति बन गई.
ग्रैच्युटी को सीटीस का जरूरी हिस्सा बनाने की भी पेशकश की गई है. सूत्रों के मुताबिक इस बारे में अगले महीने नोटिफिकेशन जारी हो सकता है. हालांकि ग्रेच्युटी के लिए वर्किंग डे बढ़ाने पर इंडस्ट्री सहमत नहीं है. यानी अभी एक साल की नौकरी पर 15 दिनों देने के वेतन के बराबर ग्रेच्युटी मिलती है. इसे 30 दिन के वेतन के बराबर करने को कहा गया था. लेकिन इंडस्ट्री को यह मंजूर नहीं है.
अभी किसी कंपनी में लगातार पांच साल तक काम करने वाले कर्मचारी को ग्रेच्युटी मिलती है. ग्रेच्युटी के लिए सैलरी का एक छोटा हिस्सा काटा जाता है. हालांकि इसका एक बड़ा हिस्सा कंपनी देती है. ग्रेच्युटी की रकम दो बातों पर निर्भर है. पहली तो यह कि उस कर्मचारी ने कितने साल तक काम किया है. पांच साल तक नौकरी करने पर ग्रेच्युटी मिलती है. दूसरी उसकी अंतिम सैलरी में बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता कितना है. बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिला कर ही ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है.