नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती करने का फैसला वापस ले लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है. देर रात ही खबर आई थी कि वित्तीय वर्ष 2021- 22 की पहली तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर बयाज दर घटा दी गई है. लेकिन अब ये फैसला वापस ले लिया गया है. वित्त मंत्री ने कहा है कि यह आदेश गलती से निकल गया था.
वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, “भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें पहली जैसी बनी रहेंगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं यानी मार्च 2021 वाली दरें ही लागू रहेंगी.”
सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 फीसदी तक की कटौती की थी. यह कटौती एक अप्रैल से शुरू 2021-22 की पहली तिमाही के लिए किए जाने का एलान किया गया था. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार पीपीएफ पर ब्याज 0.7 फीसदी कम कर 6.4 फीसदी जबकि एनएससी पर 0.9 फीसदी कम कर 5.9 फीसदी करने की घोषणा की थी.
पंच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 0.9 फीसदी घटाकर 6.5 फीसदी कर दी गयी थी. इस योजना के तहत ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है. पहली बार बचत खाते में जमा रकम पर ब्याज 0.5 फीसदी घटाकर 3.5 फीसदी कर दी गयी थी.
ब्याज में सर्वाधिक 1.1 फीसदी की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गयी थी. इसी प्रकार, दो साल के लिए मियादी जमा पर पर ब्याज 0.5 फीसदी टाकर 5 फीसदी, तीन साल की अवधि के मियादी जमा पर ब्याज 0.4 फीसदी कम किया गया था जबकि पांच साल के लिए मियादी जमा पर ब्याज 0.9 फीसदी कम कर 5.8 फीसदी कर दिया गया था.