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सोमवती अमावस्या पर करें भोलनाथ की पूजा बनेंगे सारे बिगड़े काम, तरक्की चूमेगी कदम

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सनातन धर्म में अमावस्या का अत्याधिक महत्व है. कई महत्वपूर्ण अमावस्या में से एक सोमवती अमावस्या का नाम आता है. इस मौके पर भक्तों को ब्रह्म मुहूर्त में जागकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, फिर क्षमता अनुसार दान करना चाहिए. सोमवती अमावस्या पर व्रत का संकल्प भी किया जाता है. इस दिन माता पार्वती और महादेव की पूजा करने का विधान है. सच्चे मन से इनकी पूजा करने से कृपा प्राप्त होती है. इस बार चैत्र माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 08 अप्रैल को सोमवती अमावस्या आ रही है.

सोमवती अमावस्या का शुभ महूर्त
पंचांग अनुसार, चैत्र कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 8 अप्रैल को सुबह 3:21 बजे शुरू होती है और उसी दिन रात 11:50 बजे समाप्त होती है. इसी क्रम में 8 अप्रैल को सोमवाती अमावस्या मनाई जाएगी. यह चैत्र महीने की अमावस्या होगी और सोमवार को पड़ने के कारण इस अमावस्या पर शिव पूजा खास मानी जाती है और इस दिन इंद्र योग्य भी बन रहा है. ऐसे में अगर शिव के साथ माता पार्वती की आराधना करें तो मनोवंचित फल की प्राप्ति होती है.

सोमवती अमावस्या पर ऐसे करें पूजा
सोमवती अमावस्या पर सुबह सूर्योदय से पहले उठकर गंगा नदी में या फिर घर पर ही गंगाजल से स्नान करें. इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें. फिर व्रत का संकल्प लें और शिवजी का पंचामृत से अभिषेक करें. ऐसा कहा जाता है कि इससे भोलेनाथ, मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं.

सोमवती अमावस्या तिथि पर क्या न करें
मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन न करें. कुछ खाने की चीजें जैसे- चना, मसूर दाल, सरसों का साग और मूली न खाएं. जानवरों को परेशान न करें. किसी का अपमान करने से बचें. इस तिथि पर क्रोध करने से बचें.

 

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