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बिटकॉइन की कीमत 64 हजार डॉलर के पार, इस हैरतअंगेज तेजी के बारे में जानिए पूरी सच्चाई

क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने बुधवार को नया रिकॉर्ड कायम किया है. इसने अपने सारे पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए पहली बार उच्चतम स्तर 64,000 अमेरिकी डॉलर को भी पार कर लिया है. 2021 में बिटकॉइन ने कई नई ऊंचाइयों को हासिल किया है. इस साल दुनिया की इस सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत दोगुनी से भी अधिक हो गई है. मुख्यधारा में क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक निवेश और भुगतान के साधन के रूप में बढ़ती स्वीकृति के चलते बिटकॉइन में यह उछाल आया है. इसी सप्ताह कॉइनबेस आधारित इस ग्लोबल कंपनी के सूचीबद्ध होने की भी संभावना है.

एशिया में इसका व्यापार आज 1.6 प्रतिशत ऊपर चढ़कर 64,207 डॉलर तक पहुंच गया है. यह तेजी इसलिए भी आई है क्योंकि क्रिप्टोकरंसी आधारित स्टॉक राइट ब्लॉक चेन इंक, माराथन डिजिटल होल्डिंग इंक के प्रदर्शन में भी अमेरिकी बाजार में तेजी आई है. कई विशेषज्ञों की इसकी टिकाउपन पर शंका जताने के बावजूद इस क्रिप्टोकरंसी को अमेरिका की कई सूचीबद्ध कंपनियों ने भी अपना लिया है. इसकी स्वीकार्यता वाल स्ट्रीट में भी तेजी से बढ़ रही है. यही कारण है कि 14 अप्रैल को यह नास्दाक में 100 अरब डॉलर वैल्यूवेशन के साथ सूचीबद्ध हो रहा है.

गोल्डमैन सॉक्स ग्रुप इंक और मॉर्गन स्टेनले जैसी दिग्गज कंपनियों ने अपने ग्राहकों से इस क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने का ऑफर दिया है. टेस्ला इंक ने पिछले साल घोषणा की थी कि उसने बिटकॉइन में 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया है. इतना ही नहीं, कंपनी ने हाल ही में अपनी इलेक्ट्रीक कार के बदले बिटकॉइन को स्वीकार करने भी घोषणा की है. एनवाई मेलन, मास्टरकार्ड जैसी अन्य कई ऐसी बड़ी कंपनियां हैं, जिन्होंने या तो क्रिप्टोकरेंसी को अपनाया है या उसमें निवेश किया है. टेस्ला के इस भारी भरकम निवेश के बाद से बिटकॉइन में बंपर तेजी देखने को मिली है.

क्रिप्टो करेंसी डिजिटल मुद्रा है, जिसे डिजिटल माध्यम के रूप में निजी तौर पर जारी किया जाता है. यह क्रिप्टोग्राफी व ब्लॉकचेन जैसी डिस्ट्रीब्यूटर लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) के आधार पर काम करती है. साधारण तरीके से इसे समझें तो यह एक ब्लॉकचेन का ऐसा बहीखाता है, जिसमें लेनदेन को ब्लॉक्स के रूप में दर्ज किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल कर उन्हें लिंक कर दिया जाता है.

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