देश के अस्पतालों में एक तरफ जहां कोरोना मरीजों से बेड फुल है तो वहीं दूसरी तरफ ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा नहीं होने से उन मरीजों का हाल बदहाल है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जहां केन्द्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से ऑक्सीजन गाड़ियों के फ्री मूवमेंट के निर्देश दिए गए तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पर गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक कर इसके समाधान पर चर्चा की.
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से यह बताया गया कि बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव के अलावे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन मार्ग मंत्रालय, मेडिकल क्षेत्र से और नीति आयोग के अधिकारी शामिल थे.
पीएमओ ने बताया कि मेडिकल क्षेत्र से प्रतिनिधियों ने इस उच्च स्तरीय बैठक के दौरान ऑक्सीन के सही इस्तेमाल की आवश्यकता पर जोर दिया. पीएम ने इस दौरान कहा कि जमाखोरों से राज्य सरकार को सख्ती से निपटना चाहिए.
इससे पहले, केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को साफ निर्देश दिए कि राज्यों के बीच ऑक्सीजन की मूवमेंट में किसी तरह को कोई रोक नहीं लगाई जाएगी. इसके साथ ही, गृह मंत्रालय ने कहा कि परिवहन प्राधिकरणों (स्टेट अथॉरिटीज) को कहा जाएगा कि वे ऑक्सीजन लेकर जा रही गाड़ियों को अंतरराज्यीय मूवमेंट को फ्री करें. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देश में आगे कहा गया है कि ऑक्सीजन निर्माता और इसके सप्लायर के ऊपर यह रोक नहीं लगाई जा सकती है कि वह वे सिर्फ उसी राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश को दे जहां पर उसका उत्पादन किया जा रहा है.
शहरों और राज्यों के बीच बिना किसी तय समय के ऑक्सजीन गाड़ियों की मूवमेंट बिना की रोक-टोक के होगी. किसी भी अथॉरिटीज की तरफ से उस क्षेत्र से ऑक्सीजन ले जा रही गाड़ी को इसलिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा कि वे किसी खास इलाके या उस जिले में ही ऑक्सीजन दे.
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