देश में तेल और गैस की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार चाह रही है कि घरेलू उत्पादन में भी बढ़ोतरी की जाए. सरकार ने अपने इस फैसले के तहत ओएनजीसी को रत्न-आर सीरीज की ऑयल फील्ड्स में अपनी हिस्सेदारी प्राइवेट कंपनियों को बेचने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही केजी बेसिन में तेल और गैस की खोज के लिए विदेशी कंपनियों से गठजोड़ करने और मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर को मोनेटाइज करने को भी कहा गया है. सरकार ने कहा है कि ओएनजीसी अपनी ड्रिलिंग और दूसरी सेवाओं के लिए एक अलग कंपनी बना दे.
तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने ओएनजीसी के चेयरमैन और एमडी को एक चिट्ठी लिख कर उन्हें सात सूत्रीय एक्शन प्लान दिया है. मंत्रालय का कहना है कि ओएनजीसी ने इस एक्शन प्लान के तहत काम किया तो 2024 तक वह देश की सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनी बन जाएगी. इस एक्शन प्लान के तहत ओएनजीसी पन्ना-मुक्ता, रत्न और आर सीरीज के मैच्योरिंग ऑयल फील्ड में अपनी हिस्सेदारी बेचनी होगी. देश के पश्चिमी हिस्से को ऑफशोर और ऑनशोर ऑयल फील्ड में भी हिस्सेदारी प्राइवेट कंपनियों को बेचनी होगी. इनमें गुजरात में गांधार ऑयलफील्ड शामिल है.
सरकार की योजना के तहत ओएनजीसी को गैर उत्पादक ऑयल फील्ड में या तो विनिवेश करना होगा या पूरी तरह प्राइवेट कंपनियों को बेचना होगा. सरकार चाहती है कि ओएनजीसी KG-DWN-98/2 में अंतरराष्ट्रीय तेल और गैस कंपनियों को बुलाए ताकि अगले साल तक यहां उत्पादन तेजी से बढ़ाया जा सके. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के अशोकनगर ब्लॉक और केजी बेसिन के दीनदयाल ब्लॉक में भी निजी कंपनियों को बुलाने के लिए कहा गया है.
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