रायपुर। बस्तर जिला प्रशासन एवं इनोवेटिव बिजनेस फ्लैगशिप की पहल के तहत, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज मुंबई, सोसाइटी ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप एजुकेटर्स (एसईई) द्वारा एक अनूठा बिजनेस इवेंट ‘कॉन्क्लेव ऑन एंटरप्रेन्योरशिप‘ 26 से 28 अप्रैल को आयोजित कर रहा है। यह कॉन्क्लेव बादल संस्थान परिसर में हो रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य बस्तर के युवाओं में उद्यमिता और स्टार्ट-अप के लिए प्रोत्साहन करना है। बस्तर जिला प्रशासन की पहल के तहत इसे थिंक-बी आयोजित कर रहा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने थिंक-बी की शुरुआत की थी ताकि बस्तर के युवाओं को उद्यम नवाचार के लिए अवसर, समर्थन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा सके।
थिंक-बी की ओर से बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि 26 से 28 अप्रैल तक बादल परिसर में आयोजित इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य सफल उद्यमियों के माध्यम से थिंक-बी से जुड़े नव-उद्यमियों को समर्थन और प्रोत्साहित करना है, ताकि हमारे युवा उद्यम नवाचार के इको-सिस्टम के सदस्यों के साथ जुड़कर स्वयं स्टार्टअप्स की स्थापना कर सके। उन्होंने आगे कहा कि हमारे सामने कई चुनौतियां हैं, कोविड-19 के विश्वव्यापी प्रभाव के बाद व्यापार में कई कठिनाइयाँ बढ़ी हैं, लेकिन हमारे युवाओं और नवोन्मेषी उद्यमियों ने कई अवसर बनाए। इन्ही की प्रेरणा से आज युवा उस कठिनाई से बाहर निकलना चाहते हैं और व्यवसाय के लिए उत्साही भी हैं, कॉन्क्लेव के पीछे हमारा यही उद्देश्य है।
बस्तर अब सफल होती कहानियों और नवाचार के पैमाने पर खरा उतरता, ख़ुद को सबित करता बस्तर है। बस्तर में जिला प्रशासन द्वारा थिंक-बी की स्थापना इसलिए की गई है कि स्थानीय युवकों को उद्यम नवाचार से जोड़ा जा सके और उन्हें स्टार्टअप्स के लिए विशेषज्ञों का मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा सके। इस उद्देश्य की ओर कदम बढ़ाते हुए बस्तर जिला प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं, संगठनों की लगातार कोशिशों ने एक नए बस्तर को साबित किया है, और बस्तर के बारे में फैली भ्रांतियों को भी ख़त्म कर दिया है। थिंक-बी आज चर्चा का विषय है। कलेक्टर रजत बंसल की थिंक-बी की पहल ने बस्तर में स्टार्टअप्स और अन्य व्यावसायिक अवसरों को नया जीवन दिया है।
यह उन युवाओं के लिए सबसे सुनहरा मौका है, जहां वे अपने विचारों का प्रारूप तैयार कर उसे उद्यम के अवसर में बदल सकते हैं। इस ओर काम करते हुए आज थिंक-बी की वजह से बस्तर में स्टार्टअप्स सफल हो रहे हैं। किशन बघेल ने बस्तर के किसानों, कृषि उत्पादों के पोषक तत्वों का उत्पादक एक घरेलू व्यवसाय, हितेश कुमार ने प्रबंधन, एक उत्पाद प्रबंधन और ब्रांड प्रबंधन एजेंसी, आसिफ खान ने नेचरस्केप, जिसमें वे लगभग विलुप्त हो रही बांस कला के पुनरुद्धार के लिए काम कर रहे हैं। इन जैसे कई स्टार्टअप्स हैं जो बस्तर और पूरे राज्य से सफल व्यवसाय की गाथा बता रहे हैं।
कॉन्क्लेव में होंगे ये आयोजन
कॉन्क्लेव में प्रसिद्ध व्यक्तित्व बतौर वक्ता उभरते अवसरों, उद्यमशीलता और व्यवसाय विकास का समर्थन करने के उद्देश्य से सरकार की पहल पर चर्चा करेंगे और उद्यम के दौरान सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान का विमर्श करेंगे। इसमें बस्तर और राज्य के आसपास के स्टार्ट-अप उम्मीदवारों द्वारा मुख्य भाषण, पैनल चर्चा, प्रसिद्ध उद्यमियों से अनुभव सुनना, उनके विचारों का आदान-प्रदान , थिंक-बी इनक्यूबेटीज़ और छात्र की स्टार्ट-अप की कहानियां, और एक पैनल के लिए निवेशकों का बैच भी शामिल होगा, जिनके द्वारा उद्यमियों के आईडिया पर विचार और निवेश करने की संभावना है।
सफल उद्यमियों से मिलेंगे सफलता के मंत्र
बस्तर में आयोजित इस कॉन्क्लेव की सबसे खास बात है कि नव उद्यमियों को अपने अपने क्षेत्र में सफल उद्यमियों से सफलता के सूत्र सुनने को मिलेंगे। जिनमें मुख्य वक्ता, ओपिनियन लीडर्स और पर्सपेक्टिव बिल्डर्स में प्रोफेसर शालिनी भारत, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई, भारत की कुलपति और जेंडर इक्वालिटी और कई अन्य सामाजिक मुद्दों पर अपने काम के सुपरिचित हर्ष चौहान, अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) और एक प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता, प्रोफेसर सत्यजीत मजूमदार, डीन – स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड लेबर स्टडीज, टीआईएसएस, एक प्रख्यात अकादमिक विद्वान और उद्यमिता और रणनीतिक प्रबंधन जैसे विषयों पर अधिकार, डॉ विपिन कुमार- निदेशक, राष्ट्रीय इनोवेशन फाउंडेशन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, गांधीनगर जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित उद्यमी अपनी बात रखेंगे।
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