रिजर्व बैंक ने कहा है कि किसी प्राइवेट बैंक का एमडी और सीईओ लगातार 15 साल तक इसी पद पर नहीं रह सकता. अगर कोई प्रमोटर सीईओ है तो वह 12 साल से ज्यादा इस पद पर नहीं रह सकता. आरबीआई ने कहा है कि बैंक की नई जरूरतों को पूरा करने के लिए यह जरूरी है कि किसी मौजूदा चीफ ने 12 या 15 साल पूरे कर लिए हैं तो उसे अपना कार्यकाल खत्म कर देना चाहिए.
कई बैंक चीफ 15 साल से ज्यादा वक्त तक पद पर
कोटक महिंद्रा बैंक के प्रमोटर उदय कोटक इस समय सबसे लंबे कार्यकाल वाले बैंक चीफ हैं. उन्होंने 2003 में बैंक की कमान संभाली थी. हालांकि आरबीआई ने 1 जनवरी 2021 को एमडी और सीईओ के तौर पर उनके अगले तीन साल के कार्यकाल को मंजूरी दे दी थी. इससे पहले अक्टूब, 2020 में आदित्य पुरी ने एचडीएफसी बैंक के एमडी का पद छोड़ दिया था. वह इस पद पर लगातार 25 साल से थे.
जरूरत हुई तो तीन साल के गैप के बाद होगी नियुक्ति
आरबीआई ने अपने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि प्राइवेट बैंक का एमडी-सीईओ या होल टाइम डायरेक्टर 15 साल से ज्यादा वक्त तक इस पद पर नहीं रह सकता. अगर. अगर बैंक की जरूरत के लिए उसकी दोबारा निुयुक्ति करनी हो तो यह तीन साल के गैप के बाद ही सकती है लेकिन यह कुछ शर्तों और बोर्ड की मंजूरी के बाद ही हो सकती है. तीन साल के इस कूलिंग पीरियड में बैंक का एमडी या सीईओ को किसी भी हैसियत से बैंक में नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए और न ही उसकी कंपनी या कारोबारी निकाय का संबंध बैंक से होना चाहए. इसके अलावा बैंक के एमडी और सीईओ का पद 70 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता.
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