आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद एक के बाद एक सभी बैंक कर्ज महंगा करते जा रहा है. निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी एचडीएफसी बैंक ने भी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) को 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने का ऐलान किया है. जिसके बाद होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन और पर्सनल लोन समेत कई तरह के लोन अब महंगे हो जायेंगे साथ ही बैंक के ग्राहकों को महंगी ईएमआई चुकानी पड़ेगी.
कितना बढ़ा एमसीएलआर
एचडीएफसी बैंक ने 7 मई से ओवरनाइट एसीएलआर को 7.15 फीसदी, एक महीने के एसीएलआर को 7.20 फीसदी, तीन महीने के एसीएलआर को 7.25 फीसदी कर दिया है. तो 6 महीने के एमसीएलआर रेट को 7.35 फीसदी कर दिया गया है. एक साल के MLCR को 7.50 फीसदी, दो साल के एमसीएलआर को 7.60 फीसदी से बढ़ाकर 7.45 फीसदी और तीन साल के एमसीएलआर को 7.70 फीसदी कर दिया है.
आरबीआई के रेपो रेट और सीआरआर बढ़ाने का असर
दरअसल 4 मई 2022 को आरबीआई ने अचानक रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर 4.40 फीसदी और कैश रिजर्व रेशियो यानि सीआरआर में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर 4.50 फीसदी करने का ऐलान किया है. जिसके बाद बैंक से लेकर हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां ब्याज दर महंगी करती जा रही है.
और भी बैंक बढ़ा सकते हैं MCLR
इससे पहले एसबीआई, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटत महिंद्रा बैंक और यस बैंक भी एमसीएलआर बढ़ा चुके हैं,. एमसीएलआर में बढ़ोतरी के बाद मौजूदा ग्राहक जिन्होंने इन बैंकों से लोन लिया हुआ है उनकी लोन रीसेट तारीख के बाद ईएमआई महंगी हो जाएगी. आरबीआई ने अपने आदेश में कहा था कि एक अप्रैल 2016 के बाद लिया गया सभी लोन एमसीएलआर से लिक्ंड होना चाहिए.
क्या होता है MCLR
आरबीआई के नए गाइडलाइंस के मुताबिक अब कमर्शियल बैंक बेस रेट के बदले मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर के तर्ज पर कर देते हैं. एमसीएलआर को निर्धारित करने के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड बहुत मायने रखता है. रेपो रेट में कोई भी बदलाव होने पर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड में तब्दीली आती है. जब होमलोन ग्राहकों के होम लोन ब्याज दरों की समीक्षा का समय आएगा तो एमसीएलआर में बढ़ोतरी के चलते उनकी ईएमआई महंगी हो जाएगी.
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