अगर माता-पिता में कोई एक या फिर दोनों ही नौकरीपेशा (Salaried Parents) थे और एम्प्लॉई पेंशन स्कीम में सदस्य (EPS Member) रहे हैं तो उनके बच्चों को आर्थिक मदद (Financial Support) दिए जाने का इंतजाम किया जाएगा. EPFO Pension Scheme यानि EPS में पैसे जमा करने के लिए कंपनी अपने कर्मचारी की सैलरी से पैसे नहीं काटती बल्कि कंपनी के योगदान का कुछ हिस्सा ही ईपीएस में जमा होता रहता है.
कोरोना वायरस महामारी में कई जगहों पर देखा गया कि परिवार के सभी कमाने वाले सदस्यों की मौत हो गई और बच्चे अनाथ हो गए हैं. एम्प्लॉई प्रॉविडेंड फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) की तरफ से ईपीएस स्कीम के तहत अनाथ बच्चों को मिलने वाले फायदों (EPS Benefits) के बारे में जानकारी दी गई है.
ये होंगे ईपीएस के तहत बच्चों के लिए लाभ
अनाथ बच्चों को मिलने वाली पेंशन की राशि मासिक विधवा पेंशन की 75 फीसदी रहेगी.
एक समय पर 2 अनाथ बच्चों में से प्रत्येक को 750 रुपये प्रति महीना की पेंशन राशि दी जाएगी.
EPS के तहत अनाथ बच्चों को 25 साल की उम्र तक मिलती रहेगी ये पेंशन.
किसी अक्षमता से पीड़ित बच्चे को जीवनभर पेंशन की व्यवस्था.
कहां से आया पैसा
EPS के लिए कंपनी अपने कर्मचारी के वेतन से कोई पैसे नहीं काटती हैं.
कंपनी के योगदान का एक हिस्सा ही ईपीएस में जमा किया जाता है.
नए नियमों के तहत 15,000 रुपये तक बेसिक सैलरी वालों को ये सुविधा दी जाएगी.
सैलरी का कुल 8.33 प्रतिशत हिस्सा ईपीएस में जमा किया जाता है.
15,000 रुपये बेसिक सैलरी होने पर कंपनी ईपीएस में 1,250 रुपये जमा कराती है.
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