लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन यानि एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) भी आखिरकार फ्लॉप ही साबित हुआ और निवेशकों को निराश कर गया. केवल 4 दिनों में ही इसका शेयर अपने उच्चतम स्तर 918.95 रुपये से 10 फीसदी टूट गया है.
नेशनल शेयर एक्सचेंज पर 872 रुपये में खुले इस शेयर ने शुक्रवार को 825 रुपये का निचला स्तर बना दिया. अब निवेशकों के मन में सवाल है कि इसे रखें या बेचकर निकल जाएं. LIC के शेयर ने लगातार नीचे का रुख कायम रखते हुए निवेशकों को खुश होने का मौका नहीं दिया.
गिरावट का सिलसिला
ये शेयर पहले दिन ही लगभग 8 फीसदी के डिस्काउंट पर लिस्ट हुआ था तो ऐसे में पहले दिन (17 मई) का सत्र खत्म होने तक निवेशकों ने इसमें लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाया. और ये नुकसान लगातार जारी है.
कंपनी ने 21 हजार करोड़ रुपये बाजार से उठाए थे और इसके ऊपरी प्राइस बैंड 949 रुपये के हिसाब से इसका मूल्यांकन 6.01 लाख करोड़ रुपये का किया गया था. मात्र 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचे जाने के बाद भी यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा IPO बन गया था.
निवेशकों को सलाह
विशेषज्ञों की राय है कि वैश्विक मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के साथ-साथ आर्थिक विकास पर निवेशकों की भावनाओं का भी एलआईसी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. उनके अनुसार, बीमा कारोबार में एलआईसी एक टॉप कंपनी है और इसे देखते हुए निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश के रूप में शेयर में बने रहना चाहिए. जानकारों ने आने वाले सालों में बिजनेस में अच्छी संभावनाओं का अनुमान लगाया है.
मैक्वायरी का अनुमान
अक्सर नए लिस्ट हुए शेयर्स को वैल्यूएशन के आधार पर आंककर लगभग सटीक भविष्यवाणी करने से जानी जाने वाली ब्रोकरेज फर्म मैक्वायरी सिक्योरिटीज इंडिया भी LIC की बारीकी से मॉनिटरिंग शुरू कर दी है. इस शेयर पर उनकी राय ‘न्यूट्रल’ है और इसके लिए 1,000 रुपये का लक्ष्य रखा है.
शुक्रवार को LIC के शेयर ने 1.75 फीसदी की गिरावट दिखाई और 826.15 रुपये पर बंद हुआ. हालांकि इंट्राडे में इसने 856.80 रुपये का हाई भी लगाया था.
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