पंचांग के अनुसार 26 मई, 2021 बुधवार को वैशाख शुक्ल की पूर्णिमा तिथि है. इस दिन वैशाख मास का समापन होगा. पूर्णिमा की तिथि का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है. इस दिन कुछ विशेष घटना और पर्व भी हैं, इनके बारे में आइए जानते हैं
वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima 2021)
वैशाख मास की पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. पूर्णिमा के दिन की जाने वाली पूजा का विशेष पुण्य जीवन में प्राप्त होता है. इसीलिए इस एक पवित्र तिथि के तौर पर भी देखा जाता है. इस दिन पूजा के साथ साथ व्रत और दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन चंद्रमा की पूजा का भी विधान है.
चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2021) लग रहा है
26 मई, बुधवार को पूर्णिमा की तिथि को चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. इस ग्रहण को वर्ष 2021 का पहला ग्रहण है. जो चंद्र ग्रहण के रूप में लग रहा है. चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा. भारत में इसे उपछाया ग्रहण माना जा रहा है. इसलिए इसमें सूतक नियम प्रभावी नहीं होंगे.
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) कब है?
वैशाख पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध पूर्णिमा का पर्व है. इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इस कारण इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है.
पूर्णिमा तिथि का आरंभ और समापन
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 25 मई, मंगलवार को रात 08 बजकर 29 मिनट पर होगा. 26 मई, बुधवार को शाम 04 बजकर 43 मिनट पर तिथि का समापन होगा. पूर्णिमा का व्रत 26 मई को रखा जाएगा, इसी दिन बुद्ध पूर्णिमा भी मनाया जाएगा.
पूर्णिमा की तिथि पर बनने वाले विशेष योग
पंचांग के अनुसार इस दिन दो विशेष योग का निर्माण हो रहा है. 25 मई को शिव योग रात 10 बजकर 52 मिनट तक बना हुआ है. 26 मई को प्रात: 06 बजकर 01 मिनट से देर रात 01 बजकर 16 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रहेगा.
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