रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई (Inflation) को नियंत्रित करने के लिए 2 साल बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी (Interest Rates Hike) का सिलसिला शुरू कर दिया है. मई की शुरुआत में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की है. इससे होम लोन सहित सभी तरह के कर्ज महंगे हो गए हैं. आने वाले दिनों में आरबीआई ब्याज दरों में और बढ़ोतरी करेगा, इस बात के भी पूरे संकेत मिल चुके हैं.
होम लोन के लिए बैंक या वित्तीय कंपनी चुनते समय ग्राहक ब्याज दरों से ज्यादा दूसरी सुविधाओं को देखते हैं. उनकी कोशिश होती है कि प्री-पेमेंट के जरिये जल्द से जल्द लोन खत्म कर दिया जाए. इसलिए वे इस बारे में बैंकों से ज्यादा जानकारी हासिल करते हैं. हम यहां बताने जा रहे हैं कि कैसे ज्यादा से ज्यादा लोन की राशि को कम समय में चुका दिया जाए. इसके लिए आप इन विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
कैसे करें प्री-पेमेंट?
प्री-पेमेंट (Pre-Payment) के जरिये कम समय में आप अपना होम लोन (Home Loan) चुका सकते हैं. इसके लिए बैंकों एवं फाइनेंस कंपनियों की तरफ से ग्राहकों को ये सुविधा दी जाती है कि वे लोन अवधि के दौरान जब चाहें ईएमआई (मासिक किस्त) के अलावा जितनी चाहें उतनी राशि का प्री-पेमेंट कर सकते हैं. यह राशि होम लोन के प्रिसिंपल अमाउंट से कट जाता है यानी आपका प्रिसिंपल अमाउंट कम होता जाता है. इसका फायदा यह होता है कि न सिर्फ कर्ज की अवधि घट जाती है बल्कि ब्याज के रूप में भी एक बड़ी राशि आप बचा सकते हैं.
इसके तहत आप दो तरीके से प्री-पेमेंट कर सकते हैं. होम लोन ग्राहक अपनी आर्थिक क्षमता के हिसाब से इसका चुनाव कर सकते हैं. या तो बीच-बीच में एकमुश्त प्री-पेमेंट करते रहें या फिर थोड़े-थोड़े अंतराल पर या हर महीने कुछ राशि का प्री-पेमेंट करते रहें. जब भी आपके पैसा बड़ा अमाउंट आए या खर्च से अतिरिक्त राशि बचे तो तुरंत प्री-पेमेंट कर दें. अगर हर साल बोनस मिलता है तो उसका भी इस्तेमाल प्री-पेमेंट में कर सकते हैं.
इन बातों का रखें खास ख्याल
प्री-पेमेंट करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है या फिक्स्ड रेट पर. फिक्स्ड रेट पर लोन लेने वाले ग्राहकों द्वारा प्री-पेमेंट करने पर बैंक प्री-पेमेंट के लिए चार्ज वसूलते हैं. अगर आप सिस्टमेटिक पार्ट पेमेंट यानी हर महीने थोड़ा-थोड़ा प्री-पेमेंट का विकल्प चुनते हैं तो इसके आपको काफी आसानी होगी. इससे आप पर ज्यादा आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा और आप भविष्य में अच्छी खासी राशि भी बचा सकेंगे. एक अनुमान के मुताबिक अगर आपने 50 लाख का लोन 20 साल के लिए लिया है और उसे आप प्री-पेमेंट के जरिए सिर्फ 10 साल में चुका लेते हैं तो इस तरह से आप ब्याज के 31 लाख रुपए बचा लेंगे.
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