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खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि का निर्णय देश के करोड़ों किसानों को सशक्त करने वाला: मोदी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को 2022-23 मार्केटिंग सीजन के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि यह एमएसपी किसानों की लागत की तुलना में 50 से 85 फीसदी तक अधिक है। हालांकि ज्यादातर मुख्य फसलों में वृद्धि पांच फीसदी के आसपास है, जबकि बुधवार को ही अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने 2022-23 में खुदरा महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया। इस तरह एमएसपी में हुई वृद्धि महंगाई दर से कम है।

मान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 100 रुपये बढ़ाकर 2040 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। ज्वार हाइब्रिड के एमएसपी में 232 रुपये की वृद्धि की गई है और यह 2970 रुपये हो गई है। रागी का एमएसपी 201 रुपये बढ़ाकर 3578 रुपये, मक्के का 92 रुपये बढ़ाकर 1962 रुपये, अरहर का 300 रुपये बढ़ाकर 6600 रुपये, मूंग का 480 रुपये बढ़ाकर 7755 रुपये, उड़द का 300 रुपये बढ़ाकर 6600 रुपये, मूंगफली का 300 रुपये बढ़ाकर 5850 रुपये, सूरजमुखी बीज का 385 रुपये बढ़ाकर 6400 रुपये, सोयाबीन का 350 रुपये बढ़ाकर 4300 रुपये, तिल का 523 रुपये बढ़ाकर 7830 रुपये क्विंटल किया गया है। मध्यम रेशा वाली कपास का एमएसपी 354 रुपये बढ़ा है और यह 6080 रुपये हो गया है।

सरकार ने जो किसानों के लिए जो उत्पादन लागत निकाला है, उसके मुताबिक धान, ज्वार, रागी, मक्का, मूंग, तिल और कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से 50 फीसदी अधिक है। बाजरा का एमएसपी लागत से 85 फीसदी, अरहर का 60 फीसदी, उड़द का 59 फीसदी, मूंगफली का 51 फीसदी, सूरजमुखी का 56 फीसदी और सोयाबीन का 53 फीसदी ज्यादा है।

सरकार का कहना है कि लागत में किराया, मानव श्रम, बैल श्रम/मशीन श्रम, पट्टे की भूमि के लिए दिया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई आदि का खर्च, उपकरणों और फार्म भवनों का मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेटों आदि के लिए डीजल/बिजली, अन्य व्यय और पारिवारिक श्रम का मूल्य शामिल है।

2021-22 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार देश में खाद्यान्न का उत्पादन रिकॉर्ड 31.45 करोड़ टन होने का अनुमान है जो 2020-21 के खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 37.7 लाख टन अधिक है। 2021-22 के दौरान उत्पादन, पिछले पांच वर्षों (2016-17 से 2020-21) के औसत खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 2.38 करोड़ टन अधिक है।

किसान नेता योगेंद्र यादव ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि जिन 14 फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की गई है उनमें से 11 फसलों में बढ़ोतरी रिजर्व बैंक की अनुमानित महंगाई दर से कम है। इस तरह सरकार ने किसान की फसल का दाम घटा दिया है।

 

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