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परशुराम सेना सेवा और धर्म की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर – अजयनाथ

रायपुर, सनातन धर्म की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ में भगवान परशुराम सेना दो सालों से काम कर रही है। कोरोनाकाल में संस्था ने सभी वर्ग के जरूरतमंद  लोगों  की सहायता भी की। सोमवार को मीडिया से बातचीत में सेना के प्रदेश अध्यक्ष अजयनाथ तिवारी और बोरियाकला स्थित शंकराचार्य आश्रम के प्रमुख स्वामी डॉ. इंदुभवानंद ने कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का मुद्दा उठाते हुए इसे देश का दुर्भाग्य बताया।

उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित अपने ही घर से पलायन को मजबूर हैं। जरुरी है कि सभी सनातनी अपने धर्म की रक्षा को आगे आएं। उन्होंने कहा कि जब से परशुराम सेना का गठन हुआ है, तब से लगातार हम ब्राह्मणों, समाज तथा धर्म रक्षा के हित में कार्य कर रहे हैं। ब्राह्मण ही सनातन धर्म की रक्षा कर सकते हैं। आज कुछ लोग सनातन धर्म के विरोध में ही खड़े हो रहे हैं। अनेक प्रकार के षड्यंत्र कर रहे हैं। परशुराम सेना ने  दो साल में ब्राह्मणों का यज्ञोपवीत संस्कार संस्कार कराया है और जिन ब्राह्मणों का विवाह नहीं हुआ था, उनकी शादी कराई। जो पढ़ना चाहता है,  परशुराम सेना उसका सहयोग करती हैं जो दवा करने में असमर्थ उसकी भी मदद करती है। डीके शर्मा ने बताया कि परशुराम सेना ने तीन जरूरतमंद ब्राम्हणों का जनेऊ संस्कार और शादी कराने का संकल्प लिया है। प्रेस कांफ्रेंस में पंडित यदुमल मणि त्रिपाठी, सौरभ पाठक, विशाल पांडे आदि मौजूद थे।

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