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सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट 30:30:40 फॉर्मूले पर आएगा, लेकिन बहुत उलझा हुआ है, समझिए मूल्यांकन का पूरा हिसाब-किताब

कोरोना महामारी के चलते इस साल CBSE 12वीं बोर्ड के एग्जाम कैंसिल हो गए हैं. ऐसे में बच्चों के मार्क्स की मार्किंग किस आधार पर होगी, इस फॉर्मूले का एलान हो गया है. सीबीएसई ने 12वीं के छात्रों को मार्क्स देने की प्रक्रिया आज सुप्रीम कोर्ट में बतायी. 12वीं क्लास के छात्रों का रिजल्ट उनके 10वीं, 11वीं और 12वीं की परीक्षा में 30:30:40 फॉर्मूला के आधार पर आएगा. 31 जुलाई को रिजल्ट घोषित किया जा सकता है. यहां समझिए आखिर क्या फॉर्मूला..

क्या है 30:30:40 फॉर्मूला

सीबीएसई के 13 सदस्यीय पैनल ने 12वीं क्लास के रिजल्ट के लिए 30:30:40 के अनुपात का फॉर्मूला तय किया है. मतलब छात्र के 10वीं का 30 फीसदी वैटेज, 11वीं का 30 फीसदी वैटेज और 12वीं का 40 फीसदी वैटेज के आधार पर 12वीं के कुल मार्क्स तय किए जाएंगे. छात्र के 10वीं और 11वीं क्लास के बेस्ट तीन सब्जेक्ट के 30 फीसदी मार्क्स लिए जाएंगे. वहीं 12वीं में यूनिट पेपर्स, टर्म व प्रेक्टिकल के 40 फीसदी मार्क्स जोड़े जाएंगे. इसके बाद इन तीनों को जोड़कर कुल मार्क्स कैलकुलेट किए जाएंगे.

  • 10वीं क्लास– कुल बेस्ट 5 सब्जेक्ट में से पहले 3 सब्जेक्ट चुने जाएंगे, जिनमें छात्र का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा होगा. इन तीनों सब्जेक्ट के 30 फीसदी मार्क्स जोड़े जाएंगे.
  • 11वीं क्लास– फाइनल एग्जाम में सभी विषयों के थ्योरी पेपर की परफॉरमेंस के आधार पर 30 फीसदी मार्क्स जोड़े जाएंगे.
  • 12वीं क्लास– मिड टर्म एग्जाम, यूनिट टेस्ट और प्रीबोर्ड एग्जाम की परफॉरमेंस के आधार पर 40 फीसदी मार्क्स जोड़े जाएंगे. इसके अलावा प्रैक्टिकल के मार्क्स अलग से जुड़ेंगे.

अब उदाहरण से समझिए

मान लीजिए अगर कोई सबजेक्ट 100 नंबर का है, जिसमें थ्योरी 80 नंबर है और प्रैक्टिकल 20 नंबर है, तो समझिए इसके नंबर कैसे निकाले जाएंगे. तो 10वीं का 30 फीसदी वैटेज यानि 24 नंबर, 11वीं का 30 फीसदी वैटेज यानि 24 नंबर और 12वीं का 40 फीसदी वैटेज यानि 32 नंबर. इसके अलावा 20 नंबर प्रैक्टिकल का हुआ. यानि कि 12वीं का शेयर 52 फीसदी हो जाएगा.

अब उदाहरण के तौर पर कोई सबजेक्ट 100 नंबर का है, जिसमें थ्योरी 30 नंबर और प्रक्टिकल 70 नंबर का है तो 10वीं का 30 फीसदी वैटेज यानि 9 नंबर, 11वीं का 30 फीसदी वैटेज यानि 9 नंबर और 12वीं का 40 फीसदी वैटेज यानि 12 नंबर. इसके अलावा 70 नंबर प्रैक्टिकल का हुआ. यानि कि 12वीं का शेयर 82 फीसदी हो जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट को सीबीएसई की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया है कि अगर छात्र अपने मूल्यांकन के फार्मूले से संतुष्ट नहीं हैं तो सीबीएसई छात्रों को 12वीं की परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा. ये परीक्षा महामारी के हालात में सुधार होने पर करायी जाएगी. सीबीएसई ने ये भी कहा है कि हर स्कूल में प्रिंसिपल के तहत एक परिणाम समिति बनाई जाएगी जिसमें एक ही स्कूल से दो वरिष्ठतम पीजीटी और पड़ोसी स्कूलों से दो पीजीटी शामिल होंगे.

 

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