रायपुर, इंडोनेशिया में आयोजित जी-20 एव्हीपीएन ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में शामिल होने छत्तीसगढ़ उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा के नेतृत्व में इंडोनेशिया गए प्रतिनिधिमंडल ने आज दूसरे दिन उबूद में हैंडीक्रॉफ्ट ऑयटम तैयार करने वाले शिल्पियों एवं वितरकों से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प के एक्सपोर्ट के संबंध में सार्थक चर्चा की। मंत्री श्री लखमा ने उनसे चर्चा के दौरान बताया कि इंडोनेशिया के हस्तशिल्प से कही ज्यादा सुन्दर हस्तशिल्प छत्तीसगढ़ में शिल्पी तैयार करते है। उन्होंने हस्तशिल्प एक्सपोर्टर को छत्तीसगढ़ आने का न्यौता दिया। श्री लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ का हस्तशिल्प बहुत समृद्ध और लोकप्रिय है। हमारे यहां हैंडीक्रॉफ्ट ऑयटम्स के एक्सपोर्ट की असीम संभावनाएं है। गौरतलब है कि इंडोनेशिया से हैंडीक्रॉफ्ट ऑयटम्स का बड़े पैमाने पर यूरोपिय देशों में एक्सपोर्ट होता है। इंडोनेशियन हैंडीक्रॉफ्ट ऑयटम्स की तुलना में छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प ज्यादा अच्छे और सुन्दर होते है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल में शामिल अधिकारियों को छत्तीसगढ़ के हैंडीक्रॉफ्ट ऑयटम्स के एक्सपोर्ट के लिए आवश्यक पहल करने की भी बात कही।
मंत्री श्री लखमा दूसरे दिन उबूद गए और वहां 400 साल पुराने उबूद पैलेस का अवलोकन किया तथा सरस्वती मंदिर में दर्शन किया। जी-20 एव्हीपीएन ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में लगभग 20 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। आज के बैठक में प्रमुख रूप से सुश्री राजश्री सेन इंडिया हेड सीसेम स्ट्रीट, जो कि बच्चों की प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करती है। श्री रोनित कंवर पार्टनरशिप लीड ैबीउपकज थ्नजनतमे जो कि कॉलेज के बच्चों को वर्कफोर्स तैयार करने में कार्य करती है तथा श्री शिवकुमार फाउंडर कैटलिस्ट फाउंडेशन, जो कि ग्रीन इंडस्ट्री के विकास तथा उसके लिए ईकोसिस्टम तैयार करने का काम करती है। ये सभी संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं उक्त संस्थानों के प्रतिनिधियों ने छत्तीसगढ़ में काम करने की इच्छा जतायी। इस दौरान सीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री पी. अरुण प्रसाद एवं श्री ओ.पी. बंजारे भी उपस्थित रहे।
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