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डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में लेकर आएगा कोरोना की तीसरी लहर? जानिए विशेषज्ञों ने क्या कहा

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नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की चिंता के बीच डेल्टा प्लस वेरिएंट धीरे-धीरे अपने पसार रहा है. लोगों में खौफ है कि कोरोना डेल्टा प्लस वेरिएंट देश में तीसरी लहर को लेकर आ सकता है. लेकिन विशेषज्ञों का ऐसा मानना नहीं है. भारत के टॉप डॉक्टरों में से एक जीनोम सीक्वेंसर ने इन चिंताओं को दूर कर दिया है कि तीसरी लहर का कारण डेल्टा वेरिएंट बनेगा. वहीं इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने एनडीटीवी से कहा है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट से तीसरी लहर आने का कोई सबूत नहीं है. डेल्टा प्लस का संभावित तीसरी लहर से कोई लेना-देना है.

डॉ अनुराग अग्रवाल ने कोरोना की दूसरी लहर पर ही सतर्कता को कम न करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि हमें इस बात की चिंता होनी चाहिए कि दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है. हमें ध्यान रखना है कि दूसरी लहर को कमजोर करने के दौरान हमारी सतर्कता कम न हो.

डॉ अग्रवाल के संस्थान ने महाराष्ट्र में इस महीने 3500 से ज्यादा सैंपल लिए हैं. इनमें हमने देखा है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट बहुत ज्यादा है लेकिन अब भी यह एक फीसदी से कम ही है. डॉक्टर अनुराग अग्रवाल आईजीआईबी के प्रमुख हैं.

भारत में डेल्टा प्लस कोविड वेरिएंट के 40 से अधिक मामलों का पता चला है. इस स्ट्रेन को सरकार ने चिंता के प्रकार के रूप में चिह्न्ति किया है. महाराष्ट्र में नए स्ट्रेन के कुल 21 मामले, मध्य प्रदेश में छह, केरल और तमिलनाडु में तीन-तीन, कर्नाटक में दो और पंजाब, आंध्र प्रदेश और जम्मू में एक-एक मामले पाए गए हैं.

महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिवों को सलाह दी गई है कि वे भीड़ को रोकने, व्यापक परीक्षण, शीघ्र ट्रेसिंग और वैक्सीन कवरेज सहित विभिन्न जिलों और समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करें. सरकार के अनुसार, डेल्टा प्लस, 80 देशों में फैले डेल्टा स्ट्रेन की तरह, अत्यधिक संक्रामक है और तेजी से फैल रहा है. सरकार ने कहा कि भारत में इस्तेमाल होने वाले दो टीके, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सिन, डेल्टा संस्करण के खिलाफ प्रभावी हैं, डेल्टा प्लस पर वे कैसे काम करते हैं, इस पर डेटा बाद में शेयर किया जाएगा.

 

 

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