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मणिपुर हिंसा को लेकर सर्वदलीय बैठक ख़त्म, 3 मई से भड़की हिंसा में अब तक 120 की मौत और 3 हजार से ज्यादा घायल

नेशनल न्यूज़। मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच तीन मई को भड़की हिंसा में अब तक लगभग 120 लोगों की मौत हो चुकी है और तीन हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं।

बैठक में शामिल होने वालों में भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह (कांग्रेस), तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन, मेघालय के मुख्यमंत्री एवं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेता कोनराड संगमा, शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) नेता एम. थंबी दुरई, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता तिरुचि शिवा, बीजू जनता दल (बीजद) के नेता पिनाकी मिश्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा शामिल हुए।

बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, नित्यानंद राय और अजय कुमार मिश्रा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका भी शामिल हुए। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन द्वारा तीन मई को आहूत ‘आदिवासी एकता मार्च’ में हिंसा भड़क गई थी।

शाह ने पिछले महीने चार दिन के लिए राज्य का दौरा किया था और मणिपुर में शांति बहाल करने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी। विपक्षी दल स्थिति से निपटने के तरीके को लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि 50 दिन के बाद भी हिंसा नहीं रुकी है।

मणिपुर में हिंसा को लेकर विपक्ष ने पीएम मोदी को घेरा
मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक में पीएम की गौरमौजूदगी को लेकर भी सवाल उठाए हैं। पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे को लेकर तंज कसते हुए कहा था कि मणिपुर को जलता छोड़कर पीएम विदेशी दौरे पर जा रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि मणिपुर के प्रति प्रधानमंत्री की कोई सहानभूति नहीं है। इसके बाद कांग्रेस समेत 10 दलों ने केंद्र को पत्र लिखकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की थी।

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