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हाईस्कूल-हायर सेकेण्डरी कक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम लाने वाले स्कूल के प्राचार्यों को किया गया सम्मानित

० शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने में हमारे शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान: संसदीय सचिव श्री उपाध्याय

० बेहतर परिणाम का आना शिक्षा के स्तर में सुधार के संकेत: विधायक श्री जुनेजा

रायपुर। जिला प्रशासन द्वारा उत्कृष्ट बोर्ड परीक्षा परिणाम सम्मान समारोह में जिले के कक्षा 10वीं से 90 प्रतिशत से अधिक और कक्षा 12वीं में 95 प्रतिशत से अधिक लाने वाले स्कूल के 44 प्राचार्यों तथा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी तिल्दा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन मायाराम सुरजन शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय में किया गया।

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने सम्मानित होने वाले समस्त प्रचार्यों को बधाई एवं शुभकामना देते हुए कहा कि किसी देश-प्रदेश की साख शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। जब भी हम अपने प्रदेश के बाहर जाते है तो हमारे शिक्षा के स्तर पर चर्चा होती है। इस स्तर और गुणवत्ता को श्रेष्ठ बनाए रखने का जिम्मेदारी शिक्षकों के कंधो पर रहती है। यह जिम्मेदारी हमारे शिक्षक बखुबी निभा रहे है। हमारे स्कूलों के प्राचार्य और शिक्षकों के मेहनत और लगन से जिले का परिणाम इतना बेहतर आया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद शिक्षा के स्तर में कमी आई थी, मगर हमारे शिक्षकों ने इसे चुनौती के रूप में लिया और दुगुनी मेहनत कर अच्छा परिणाम लाया। उन्होंने कोरोना काल के समय में भी ऑनलाईन तथा अन्य माध्यमों की सहायता से शिक्षा जारी रखी। श्री उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम विद्यालय प्रारंभ किए गए जहां पर बड़े-बड़े निजी स्कूलों जैसी संसाधन और शिक्षा प्रदान की जा रही है। इनमें भी हमारे शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है।

विधायक कुलदीप जुनेजा ने कहा कि आज जितने स्कूलों के परिणाम की चर्चा हुई उन सब के परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक थे। यह दर्शाता है कि हमारे शिक्षा के स्तर में कितना अच्छा सुधार आया है। यह अच्छा परिणाम शिक्षकों के मेहनत से ही आया है। उनके कारण हमारे सरकारी स्कूल के बच्चे मेरिट लिस्ट में स्थान बना रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय की शुरूआत की गई वहां पर शिक्षा का स्तर इतना अच्छा है कि वहां प्रवेश के लिए होड़ लगी हुई है। पालक निजी स्कूलों को छोडकर अपने बच्चों को आ़त्मानंद स्कूलों में प्रवेश कराना चाहते हैं। हमारी इस योजना की सफलता का श्रेय शिक्षकों का है इसके लिए बधाई के पात्र हैं।

कलेक्टर डॉ भुरे ने सभी सम्मानित होने वाले प्राचार्यों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जब मैने 1 जुलाई को रायपुर में कलेक्टर का कार्यभार संभाला तो मैंने पाया कि कोरोना काल के बाद जिले के स्कूलों का परिणाम अपेक्षाकृत अच्छा नहीं था। तब सबसे पहले शिक्षा विभाग की बैठक ली और समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हमने शिक्षकों के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाई जिसमें वीकली टेस्ट, अतिरिक्त कक्षाएं और कक्षा में उपस्थिति विभिन्न बिंदुओं पर ध्यान केन्द्रित किया। शिक्षकों विद्यार्थियों और प्रशासन के निरन्तर और संयुक्त प्रयास के बाद बेहतर परिणाम आए। कलेक्टर ने कहा कि गतवर्ष हाईस्कूल का परिणाम 59 प्रतिशत और हायर सेकेण्डरी का 75 प्रतिशत था। यह बढ़कर क्रमशः 72 और 82 प्रतिशत हो गया। हमे विश्वास है कि इस सत्र में हम और बेहतर परिणाम लाएंगे।

इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी, सहायक कलेक्टर जयंत नाहटा और जिला शिक्षा अधिकारी आर.एल ठाकुर, सहित विभिन्न स्कूल के प्राचार्य और शिक्षकगण उपस्थित थे।

प्राचार्यों ने बताया कैसे आए इतने अच्छे रिजल्ट

कार्यक्रम में अच्छे परिणाम लाने वाले स्कूलों के प्राचार्यों ने बताया कि उन्होंन कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में कार्ययोजना बनाई। हमने वीकली टेस्ट कराया जिससे सबसे अधिक लाभ हुआ। जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी थी वहां प्रशासन के सहयोग से दुसरी स्कूलों की शिक्षकों को आमंत्रित कर क्लास लिया गया। एक्स्ट्रा क्लास लिए गए, कमजोर परिणाम वाले विद्यार्थियों को चिन्हित कर अलग सेक्शन बनाया गया। इनमें विशेष रूप से मेहनत की गई बच्चों से नोट्स बनवाए गए।

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