जगन्नाथ रथ यात्रा: हिंदी पंचांग के अनुसार जगन्नाथ पूरी की रथ यात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को शुरू की जाती है. इस बार यह तिथि 12 जुलाई यानी आज है. आज जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा दोपहर बाद 3 बजे से शुरू होगी. हालांकि इसके पहले के सभी कार्यक्रम सुचारू रूप से किये जा रहें हैं. हिंदू धर्म में चारों धामों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है. इन्हीं चारों चामों में से एक जगन्नाथ धाम है. जगन्नाथ पुरी के मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति और अगल बगल बड़े भाई बलभद्र/बलराम और बहन सुभद्रा की मूर्ति है.
विश्व प्रसिद्धि जगन्नाथ रथ यात्रा में भगवान कृष्ण, बलराम और सुभद्रा जी के रथ शामिल होते हैं, जिसे देखने के लिए देश के हर कोने से श्रद्धालु आते हैं. परन्तु कोरोना महामारी के चलते इस बार पुरी में आयोजित होने वाले इस रथ यात्रा में श्रद्धालुओं के शामिल होने की अनुमति नहीं है. इस यात्रा में शामिल होने वाले तीनों देवताओं के रथों की विशेषताएं, रंग रूप और नाम अलग –अलग है. यहां जानिए यात्रा में शामिल होने वाले रथों के नाम और रंग.
नंदी घोष रथ
भगवान जगन्नाथ यानि कृष्ण भगवान के रथ का नाम नंदीघोष है. धार्मिक मान्यता है कि इस रथ को भगवान इंद्र ने भगवान कृष्ण को उपहार में दिया था. यह रथ सुनहरे पीले और रंग का है. भगवान कृष्ण के इस रथ को कपि ध्वज के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के बीच भगवान कृष्ण को पीताम्बर भी कहा गया है.
तलध्वज रथ
भगवान बलभद्र यानि बलराम के रथ का नाम तलध्वज है. इनके रथ का रंग हरा और नीला होता है. भगवान बलभद्र को नीलाम्बर भी कहा जाता है. विदित है कि भगवान बलभद्र जगन्नाथ के भाई हैं और वे अपने शत्रुओं का सफाया हल से करते हैं. इन्हें हलधारी भी कहते हैं.
देवदलन रथ
सुभद्रा भगवान जगन्नाथ और बलभद्र की बहन हैं इनके रथ का नाम देवलन है. इसे दर्प दलन भी कहते हैं. सुभद्रा के रथ का रंग लाल है. जिसका रक्षा एवं भगवान कृष्ण का चक्र सुदर्शन करता है.
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