फ्लिपकार्ट समूह ने सोमवार को कहा कि उसने जीआईसी (GIC), कनाडा पेंशन योजना निवेश बोर्ड (CPP Investment), सॉफ्टबैंक विजन फंड-2 और वॉलमार्ट (Walmart) की अगुवाई में 3.6 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 26,805.6 करोड़ रुपये) जुटाए हैं. कंपनी ने बताया कि वित्त पोषण के इस दौर में उसका मूल्यांकन 37.6 अरब अमेरिकी डॉलर किया गया.
तेजी से बढ़ते भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में अमेजन, रिलायंस जियोमार्ट और अन्य के साथ मुकाबला कर रही फ्लिपकार्ट ने कहा कि वह कर्मचारियों, प्रौद्योगिकी, आपूर्ति श्रृंखला और बुनियादी ढांचे में निवेश जारी रखेगी. वित्त पोषण के मौजूदा दौर में सॉवरेन फंड डिस्रप्टएड, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, खजाना नैशनल बरहाद के साथ ही मार्की इनवेस्टर्स टेनसेंट, विलुहबी कैपिटल, अंतरा कैपिटल, फ्रैंकलिन टेम्पलटन और टाइगर ग्लोबल ने भी भागीदारी की.
हालांकि, फ्लिपकार्ट ने यह नहीं बताया कि इन निवेशकों ने अलग-अलग कितना निवेश किया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सीपीपी इनवेस्टमेंट ने करीब 75-80 करोड़ डॉलर, सॉफ्टबैंक ने 50 करोड़ डॉलर निवेश किए. फ्लिपकार्ट ने एक बयान में कहा कि निवेश के इस दौर में समूह का मूल्य 37.6 अरब डॉलर (करीब 2.79 लाख करोड़ रुपये) आंका गया.
फ्लिपकार्ट समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘अग्रणी वैश्विक निवेशकों द्वारा किया गया यह निवेश भारत में डिजिटल कॉमर्स की संभावनाओं और सभी हितधारकों के लिए इस क्षमता को अधिकतम स्तर पर ले जाने की फ्लिपकार्ट की क्षमताओं में उनके विश्वास को दर्शाता है. हम किराना सहित लाखों छोटे और मध्यम भारतीय व्यवसायों के विकास में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.’’
उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट नई श्रेणियों में निवेश जारी रखेगा और उपभोक्ताओं के अनुभवों को बदलने और विश्व स्तरीय आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए भारत में निर्मित प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएगा. इस सौदे के साथ सॉफ्टबैंक ने एक बार फिर फ्लिपकार्ट में निवेश किया है. इससे पहले जब 2018 में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की थी, तब सॉफ्टबैंक ने अपने करीब 20 प्रतिशत शेयर बेच दिए थे.
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