यूपी की राजधानी लखनऊ से गिरफ़्तार अल क़ायदा के आतंकियों के मामले में नये-नये ख़ुलासे हो रहे हैं. यूपी एटीएस को आतंकियों के पास से कई प्रमुख शहरों के नक्शे बरामद हुए हैं. अयोध्या के राम मंदिर के आसपास की रेकी के नक्शे आतंकियों के पास से मिले हैं. काशी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों के नक्शे एटीएस को आतंकियों के पास से मिले है. नक्शों में अलग-अलग पॉइंट से चिन्हित किया गया है. टेलीग्राम और वीडियो कॉल व्हाट्सएप कॉल की चैटिंग भी एटीएस के हाथ लगे हैं, जिसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है. एटीएस ने पिछले 24 घंटों में 10 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है. यूपी के अलग-अलग शहरों में एटीएस की छापेमारी का दौर जारी है.
लखनऊ से गिरफ्तार आतंकियों से बड़ा खुलासा
सूत्रों के मुताबिक़ शुरुआती जांच के दौरान पता चला है कि बम बनाने में माचिस की तीलियों के बारूद का इस्तेमाल किया गया था. गिरफ़्तार दोनों आतंकियों का अक्सर कानपुर आना-जाना रहता था. दोनों ने कानपुर से हाल ही में एक मोबाइल खरीदा था और नई सड़क इलाके में रहने वाले अपने साथी के साथ मीटिंग भी की थी. उस मीटिंग के बाद कानपुर वाले इनके साथी ने कानपुर में ही कई लोगों से मिनहाज और मुशीर की मीटिंग कराई थी. नेटवर्क में और लोगों को जोड़ने के मक़सद से ये मीटिंग कराई गई थी. लखनऊ के काकोरी से दो आतंकियों की गिरफ़्तारी के बाद एटीएस ने कानपुर से 4 और संभल से 2 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. एटीएस इस मामले में कई ज़िलों में छापेमारी कर रही है.
अल क़ायदा के संदिग्ध आतंकियों की गिरफ़्तारी के बाद यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने दावा किया है कि यूपी पुलिस के पास दोनों आतंकियों के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत हैं.
बता दें कि लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों की मानव बम के जरिए धमाके की साजिश थी. आतंकी 15 अगस्त के आसपास धमाका करने की फिराक में थे. दोनों आतंकी सीरियल ब्लास्ट करना चाहते थे. आतंकी के नाम मिनहाज अहमद और मसीरूद्दीन है. अलकयदा का ये मानव बम मॉड्यूल था. दोनों आतंकी अंसार गजवातुल हिंद ग्रुप से जुड़े थे.
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