राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए विपक्ष की कवायद शुरू हो चुकी है। आज इसी सिलसिले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के बुलावे पर विपक्षी नेताओं की बैठक हो रही है। इस बैठक में 17 दलों के नेता पहुंचे हैं।
बैठक में एनसीपी से पार्टी चीफ शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी, वाम से दीपांकर भट्टाचार्य, आरजेडी से मनोज झा, पीडीपी से पार्टी चीफ महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस से रणदीप सुरजेवाला, मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश, सपा से पार्टी चीफ अखिलेश यादव, आरएलडी से जयंत चौधरी और डीएमके से टी आर बालू मौजूद हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में इन दलों ने बनाई दूरी
चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस, आम आदमी पार्टी, बसपा, वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी और अकाली दल से बैठक में कोई नहीं आया है। सूत्रों के मुताबिक, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) जैसे कुछ दलों को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया। जो दल नहीं आए हैं उनमें टीआरएस, बीजेडी, आम आदमी पार्टी और अकाली दल ऐसे हैं जिनको आमंत्रित किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए कुछ नामों पर भी विचार होने की संभावना है। बैठक में आए नामों पर और विचार करने के लिए एक कमिटी बनाई जा सकती है। जिसकी अध्यक्षता शरद पवार या किसी अन्य वरिष्ठ नेता को दी जा सकती है।
एनडीए को बढ़त
सत्तारूढ़ एनडीए के पास निर्वाचक मंडल के लगभग आधे वोट हैं। यदि उसे बीजद, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) जैसे दलों का समर्थन मिल जाता है तो उसके उम्मीदवार के राष्ट्रपति चुनाव में जीत सुनिश्चित हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार पेश करने की कवायद के बीच कुछ नेताओं ने संभावित विकल्प के तौर पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से संपर्क किया है। गांधी 2017 में उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार थे। हालांकि, वह चुनाव में एम वेंकैया नायडू से हार गए थे।
यह भी पढ़ें:- मानसून अलर्ट- रायपुर , बिलासपुर, बस्तर सहित छत्तीसगढ़ के कई स्थानों पर बरसेंगे बादल