बालोद। धर्मनगरी आज मंगल वाक्यों से गुंजता रहा। संयम जीवन सार है बाकी सब बेकार है, गुरुवर हो तो कैसे हो राम गुरुवर जैसे हो, बहना हो तो कैसी हो लाडो बहना जैसी हो जैसे वाक्य गुंज रहे थे।
अवसर था लाडली बेटी यशस्वी लाडो जैन का दीक्षा समारोह का। इस दौरान भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें माहेश्वरी समाज, अग्रवाल समाज ने भी बहन लाडो का स्वागत अभिनंदन किया। जय स्तंभ चौक में बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी बहन लाडो का स्वागत अभिनंदन किया।
इस दौरान तहसील प्रशासन, पुलिस प्रशासन, प्रेस क्लब बालोद एवं अन्य सामाजिक संगठनों ने जगह जगह पर मुमुक्षु बहन का स्वागत अभिनंदन कर मंगल कामना की। बालोद के धर्मनिष्ठ परिवार ढेलडि़या परिवार का अभिमान एवं गुणगान किया। शोभायात्रा में बालोद सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्र धमतरी दुर्ग राजनांदगांव रायपुर अर्जुंदा दल्ली राजहरा डौंडीलोहारा खैरागढ़ छुई खदान अहिवारा सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए जैन समाज के लोग शोभायात्रा में शामिल हुए।
समाज महसूस कर रहा गौरवान्वित
संयम की राह पर चलने लाडली लाडो के निर्णय से पूरे समाज को गर्व महसूस हो रहा है। लाडो के अभिनंदन में जयकारे के बीच संयम जीवन की ओर अग्रसर धर्मनगरी बालोद की लाडली बेटी यशस्वी लाडो जैन का भव्य शोभायात्रा निवास स्थान से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्ग होते हुए घड़ी चौक में समाप्त हुई।
दादा, माता-पिता के साथ लाडो बग्गी पर थी सवार
शोभायात्रा के दौरान बग्गी में लाडली बिटिया लाडो के साथ उनके दादा, माता-पिता व बहन सवार थे। अपने हाथों दान पैसे, श्रीफल, शाल, पेन प्रदान करते हुए निरंतर अग्रसर होते शहर के मुख्य मार्गों में लाडो के अभिनंदन में दोनों ओर लोगों का जमावड़ा लगा रहा। लोग एक झलक पाने के लिए लालायित दिखे। बहन यशस्वी लाडो हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। रथ के आगे विभिन्न क्षेत्रों से आए जैन धर्मावलंबी एवं बालोद समाज के सभी वर्गों से लोगों ने स्वागत अभिनंदन किया।
यशस्वी लाडो के साथ धमतरी की सिद्धि नाहर भी लेंगी दीक्षा
गौरतलब है कि मुमुक्षु बहन यशस्वी लाडो के साथ धमतरी के नाहर परिवार की बेटी सुश्री सिद्धि नाहर भी भव्य शोभायात्रा में शामिल हुए उनका भी शहर में अनेक स्थानों पर स्वागत अभिनंदन किया गया। गौरतलब हो कि दोनों बहनों की दीक्षा आगामी 3 अगस्त 2022 को आचार्य श्री रामलालजी मसा के मुखारविंद से उदयपुर राजस्थान में संपन्न होगी।
गूंजे भक्ति गीत
इसके पूर्व सोमवार की संध्या में राजनंदगांव की सुप्रसिद्ध गायिका वन्दना पारेख द्वारा गुरु भक्ति का शानदार आयोजन किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में धर्मावलंबी बंधुओं ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया। उन्होंने अपने भक्ति गीतों द्वारा सारे वातावरण में शमा बांधा।
उद्देश्य दीक्षा लेकर करना है आत्मा का कल्याण
मुमुक्षु बहन सिद्धि नाहर ने बताया कि दीक्षा लेने का मुख्य उद्देश्य आत्मा का कल्याण करना है, वहीं संसार में रहकर जीव दुख ही पाता है। हम संयम रूप से आगे बढ़कर मोक्ष मंजिल को प्राप्त करना चाहते हैं, इसलिए आज दोनों ने संयम पथ का मार्ग अपनाया है।