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भारतीय पर्वतारोहियों ने रचा इतिहास,6,416 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ‘माउंट ब्रम्हा-1’ शिखर पर पहुंचे

किश्तवाड़/जम्मू। भारतीय पर्वतारोहियों के एक समूह ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 6,416 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ‘माउंट ब्रम्हा-1’ शिखर पर चढ़कर इतिहास रच दिया। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

किश्तवाड़ शहर के पूर्व और हिमाचल प्रदेश की सीमा के पास स्थित माउंट ब्रम्हा-1 पर्वत चुनौतीपूर्ण और कठिन चढ़ाई के लिये जानी जाती है। इसे करीब पांच दशक पहले ब्रिटिश पर्वतारोही क्रिस बोनिंगटन ने पहली बार फतह किया था। इस पर्वत श्रृंखला में पश्चिम से पूर्व तक चार चोटियां – ब्रम्हा-1, फ्लैट टॉप, ब्रम्हा-2 और अर्जुन-1 शामिल है, जिसमें ब्रम्हा-2 सबसे ऊंचा है।

अधिकारी ने बताया कि कुशल और प्रतिष्ठित पर्वतारोहियों सहित पश्चिम बंगाल स्थित सोनारपुर आरोही क्लब की नौ सदस्यीय टीम ने मंगलवार को माउंट ब्रम्हा-1 शिखर पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की। अधिकारी ने कहा, “शिखर पर चढ़ाई कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली यह पहली भारतीय टीम है, जिसने पर्वतारोहण की दुनिया में इतिहास रच दिया है।”

उन्होंने बताया कि पर्वतारोहियों द्वारा शिखर पर चढ़ाई के लिये अपनाया गया मार्ग भी एक नई खोज थी। अधिकारी ने कहा कि पर्वतारोहियों के समूह ने शिखर की ऊंचाई 6,426 मीटर दर्ज की, जो चार डिवाइस रीडिंग के आधार पर टोपो मैप की उल्लिखित ऊंचाई 6,416 मीटर से थोड़ा अलग है। उन्होंने कहा, नौ पर्वतारोहण सदस्यों और पांच शेरपाओं ने शिखर पर चढ़ाई की, जबकि तीन सदस्यों ने आधार शिविर से गतिविधियों का समन्वय किया।

उपायुक्त (किश्तवाड़) देवांश यादव ने इस उपलब्धि के लिए पर्वतारोहियों के समूह को बधाई दी और पहाड़ी जिले में पर्यटक क्षमता और पर्यटन को बढ़ावा देने वाले विकास के बारे में खुशी व्यक्त किया। यादव ने पर्वतारोहियों को क्षेत्र की अज्ञात ऊंचाइयों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, “यह उपलब्धि किश्तवाड़ हिमालय में भविष्य के साहसिक पर्यटन के लिए नए रास्ते खोलेगी।”

उन्होंने उनके प्रयासों के लिए अनुकूल माहौल और आवश्यक समर्थन का भी आश्वासन दिया। पर्वतारोहियों के समूह द्वारा 19 जुलाई की रात साढ़े आठ बजे अपने बेस कैंप में लौटने के बाद प्रसिद्ध पर्वतारोही रुद्र प्रसाद हलदर और सत्यरूप सिद्धांत के नेतृत्व में टीम ने पूरे अभियान के दौरान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन के लिए जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सेना की 17 राष्ट्रीय राइफल्स, पुलिस, वन विभाग, किश्तवाड़ विकास प्राधिकरण और स्थानीय टीम को भी धन्यवाद दिया।

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