नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चार दिवसीय दिल्ली दौरे का आज दूसरा दिन है. वह आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्य के मसलों पर चर्चा के लिए मुलाक़ात करेंगी. मई में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद दिल्ली में दोनों नेताओं की पहली औपचारिक मुलाक़ात होगी. मुलाकात शाम 4 बजे पीएम आवास पर होगी. दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात के अलावा उनका विपक्ष के कई नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है.
मुलाकात से पहले बीजेपी-टीएमसी में तकरार
पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष दावा किया है कि ममता बनर्जी ने केंद्रीय संसाधनों का ‘दुरुपयोग’ किया और अब प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं ताकि ‘ हाथ जोड़कर धन की भीख मांग सकें’. उनकी इस टिप्पणी पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि घोष को पहले ‘’ संघीय व्यवस्था की समझ होनी चाहिए’’ जिसके तहत राज्य का प्रमुख हमेशा प्रधानमंत्री से मिल सकता है.
पीएम मोदी और ममता की पिछले दो सालों की मुलाकात
- 18 सितंबर 2019– दिल्ली में पीएम मोदी से मिली ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल का नाम बदलने का मुद्दा उठाया
- 11 जनवरी 2020– कोलकाता में पीएम मोदी ने ममता के साथ हावड़ा ब्रिज पर लाइट एंड साउंड प्रोग्राम का शुभारंभ किया
- 22 मई 2020- उम्पुन तूफान का ममता बनर्जी के साथ एरियल सर्वे किया
- 23 जनवरी 2021– कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर मिले, नारे लगने पर ममता बिना भाषण दिए आकर सीट पर बैठ गई
- 28 मई 2021– तूफान यास से हुए नुकसान के लिए बैठक, ममता आई और फाइल देकर चली गई
विपक्ष के नेताओं से भी मिलेंगी ममता
सबकी नज़रें ममता बनर्जी की होने वाली राजनीतिक मुलाकातों पर होंगी. सूत्रों के मुताबिक़ ममता बनर्जी का विपक्ष के सभी बड़े नेताओं से मिलने का कार्यक्रम बन रहा है. कोशिश ये की जा रही है कि विपक्ष के सभी नेताओं के साथ एक बैठक भी आयोजित की जाए. हालांकि इस बैठक को लेकर पार्टी सूत्र फ़िलहाल अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं. दरअसल ममता बनर्जी के पिछले कुछ दिनों की सक्रियता और फ़ैसले देखें तो सवाल ये उठता है कि कहीं ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने लिए कोई राष्ट्रीय भूमिका तो नहीं देख रही हैं? तीन दिनों पहले ही ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष बनाया गया है. साधारणतया ये पद पार्टी के किसी सांसद को ही दिया जाता है, जबकि ममता बनर्जी किसी सदन की सांसद नहीं हैं.
इससे पहले ममता बनर्जी ने पेगासस जासूसी विवाद को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर देश को ‘निगरानी वाला राष्ट्र’ बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया था. ममता ने विपक्षी दलों से कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए सभी को साथ आना होगा. उन्होंने कहा कि स्पाईवेयर का इस्तेमाल करके नेताओं, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों आदि को निशाना बनाने वाले कथित जासूसी प्रकरण का संज्ञान ले.
हालांकि जानकार ममता बनर्जी के राष्ट्रीय पटल पर सक्रिय होने को लेकर अभी से कुछ कहना थोड़ी जल्दबाज़ी होगी क्योंकि लोकसभा चुनाव में अभी क़रीब तीन साल का वक्त बचा है. वैसे उनका ये मानना ज़रूर है कि ममता बनर्जी पूरे विपक्ष को एक मंच पर लाने की कोशिश ज़रुर कर सकती हैं.
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