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लवलीना ने हार के बावजूद रचा इतिहास, ओलंपिक में मेडल जीतने वाली भारत की तीसरी बॉक्सर बनीं

भारत की बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने 69 किग्रा वेल्टर वेट केटेगरी के सेमीफाइनल में इतिहास रचने से चूक गई हैं. बोरगोहेन के पास इस मैच में जीत के साथ फाइनल में प्रवेश करने का शानदार अवसर था लेकिन उन्हें इस मैच में टर्की की सुरमेनेली बुसेनज से 0-5 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा है. इस हार के साथ ही इस ओलंपिक में लवलीना के अभियान का अंत हो गया है और उन्हें अब ब्रॉन्ज मेडल से ही संतोष करना पड़ेगा. इसके साथ ही लवलीना ओलंपिक बॉक्सिंग में मेडल जीतने वाली तीसरी भारतीय बॉक्सर बन गई हैं.

23 वर्षीय लवलीना बोरगोहेन के लिए वर्ल्ड चैम्पियन तुर्की की सुरमेनेली बुसेनज के साथ ये मुकाबला आसान नहीं था. लवलीना ये मुकाबला भले ही हार गई हों, लेकिन उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियन बुसेनाज सुरमेनेली को तीनों ही राउंड में कड़ी टक्कर दी. हालांकि सुरमेनेली बुसेनज इस मुकाबलें में लवलीना से पहला राउंड वह 0-5 से जीत गई. पांचों जजों ने बुसेनाज सुरमेनेली को 10-10 अंक दिए, जबकि लवलीना बोरगोहेन को 9-9 अंक मिले.

दूसरे राउंड में भी लवलीना की मिली हार 

इस के बाद दूसरे राउंड में लवलीना ने वापसी का भरपूर प्रयास किया लेकिन टर्की की मुक्केबाज ने उन्हें अपने ऊपर हावी होने के ज्यादा मौके नहीं दिए. भारतीय मुक्केबाज को दूसरे  राउंड में भी 0-5 से शिकस्त का सामना करना पड़ा. इस बार भी पांचों जजों ने बुसेनाज सुरमेनेली को 10-10 अंक दिए और लवलीना को 9-9 अंक मिले.

दो राउंड में पिछड़ने का दबाव तीसरे राउंड में लवलीना के खेल से स्पष्ट दिखाई देने लगा और उनके लिए इस मैच में वापसी करना काफी मुश्किल हो गया था. बुसेनाज सुरमेनेली ने इस दबाव का पूरा फायदा उठाया और ये राउंड भी 0-5 से अपने नाम कर लिया. पहले दो राउंड की ही तरह इस राउंड में भी पांचों जजों ने बुसेनाज सुरमेनेली को 10-10 अंक दिए. जबकि तीन जजों ने लवलीना को 8 अंक और दो जजों ने 9 अंक दिए.

 

 

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