क्रेडिट कार्ड का प्रचलन बढ़ रहा है और बहुत से लोग इसका उपयोग करते हैं. बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने क्रेडिट कार्ड का बैलेंस जीरो रखते हैं. लेकिन उन्हें इससे होने वाले नुकसान के बारे में पता नहीं होता. ऐसा करने से क्रेडिट स्कोर निगेटिव में जा सकता है और आपको भविष्य में ऑटो लोन या पर्सनल लोन लेने में परेशानी हो सकती है. इसलिए आपको इसके बारे में पता होना चाहिए.
क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट खर्च करने पर महीने के अंत में बैलेंस जीरो हो जाता है. इससे आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है. ऐसे माना जाता कि कार्ड होल्डर बहुत ज्यादा खर्चीला है और कार्ड का अकाउंट इनएक्टिव भी हो सकता है. जीरो बैलेंस से यह भी माना जाता है कि कार्डधारक किसी आर्थिक परेशानी से जूझ रहा है.
बैलेंस जीरो होने का असर
क्रेडिट कार्ड का बैलेंस होने पर बैंक क्रेडिट लिमिट घटा सकते हैं क्योंकि उन्हें लगता कि कार्डहोल्डर भविष्य में डिफॉल्ट हो सकता है. क्रेडिट लिमिट कम होने का असर क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है और यह कम होने लगता है. ऐसा क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो के कारण होता है और यह रेश्यो 30 फीसदी होने पर सही माना जाता है.
क्रेडिट कार्ड से खर्च करने में बरतें सावधानी
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो को एक उदाहरण के जरिए समझ सकते हैं. मान लीजिए आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपये है और आप हर माह 30 हजार रुपये खर्च करते हैं तो यह अच्छा है. लेकिन इससे ज्यादा खर्च करने पर क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है. यदि यह रेश्यो 30 फीसदी से कम रहता है तो क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है. इसलिए आपको क्रेडिट कार्ड से खर्चा सोच-समझकर करना चाहिए.
यह भी पढ़ें- यूएनएससी बैठक की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय पीएम बनेंगे प्रधानमंत्री नरेंद मोदी
One Comment
Comments are closed.