नई दिल्ली(एजेंसी): कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) के मसौदे को लेकर सोमवार को सरकार पर फिर से निशाना साधा और कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि EIA 2020 के मसौदे का मकसद ‘देश की लूट’ है.
राहुल ने कहा, “यह एक और खौफनाक उदाहरण है कि बीजेपी सरकार देश के संसाधन लूटने वाले चुनिंदा सूट-बूट वाले ‘मित्रों’ के लिए क्या-क्या करती आ रही है. देश की लूट और पर्यावरण की तबाही को रोकने के लिए ईआईए-2020 का मसौदा वापस लिया जाना चाहिए.”
एक दिन पहले भी उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे नए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 मसौदे के खिलाफ प्रदर्शन करें क्योंकि यह ‘खतरनाक’ है और अगर अधिसूचित होता है तो इसके दीर्घकालिक परिणाम ‘विनाशकारी’ होंगे.
राहुल गांधी का कहना है कि ईआईए 2020 ड्राफ्ट एक ‘तबाही’ है. उन्होंने कहा, “इसमें पर्यावरण की सुरक्षा के लिहाज से लंबी लड़ाई के बाद हासिल हुए फायदों को न सिर्फ पलटने की क्षमता है बल्कि इसमें पूरे भारत में पर्यावरण के लिहाज से व्यापक विनाश और बर्बादी फैलाने की भी क्षमता है.”
उन्होंने कहा कि घने जंगलों और पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील अन्य इलाकों से जाने वाले राजमार्गों या रेल लाइनों के लिए भी ईआईए की जरूरत नहीं होगी जिससे बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई होगी, जिससे हजारों संरक्षित प्रजातियों के रिहाइश वाले इलाकों में बर्बादी होगी.
गांधी ने कहा, “मैं सभी भारतीयों से इसके खिलाफ खड़े होने और प्रदर्शन करने का अनुरोध करता हूं। हमारे पर्यावरण को बचाने से जुड़ी हर लड़ाई में हमेशा बढ़चढ़कर हिस्सा लेने वाले हमारे युवाओं को निश्चित रूप से इस मुद्दे को उठाना चाहिए और इसे अपना बनाकर लड़ना चाहिए.”
पर्यावरण मंत्रालय ने इस साल मार्च में ईआईए के मसौदे को लेकर अधिसूचना जारी की थी और इस पर जनता से सुझाव मांगे गए थे. इसके तहत अलग-अलग परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी देने के मामले आते हैं. ड्राफ्ट में सिंचाई परियोजनाओं में आधुनिकरण, निर्माण योजनाएं, राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार, राष्ट्रीय सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित सभी परियोजनाओं को लोक विमर्श में छूट दी गई है. केंद्र सरकार का कहना है कि इस ड्राफ्ट के लागू होने से देशभर के निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार मिलेगा.