ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो का पहले क्वॉर्टर का घाटा बढ़कर 359 करोड़ रुपये हो गया है. कंपनी ने मंगलवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान इस पिरीयड में उसे 99.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. जोमैटो के अनुसार कमाई के मुकाबले खर्चों में बढ़ोत्तरी के चलते ये घाटा हुआ है. बता दें कि जोमैटो ने पिछले महीने ही स्टॉक मार्केट में अपना IPO उतारा था.
जोमैटो कंपनी के अनुसार Employee Stock Ownership Plan (ESOP 2021) स्कीम बनाने के बाद इस क्वॉर्टर में इसके लिए बहुत सा फंड जारी किया गया है. ESOP पर हुए इस खर्च के चलते ही कम्पनी को जून क्वॉर्टर में ये घाटा हुआ है.
जोमैटो द्वारा जारी किए गए एक बयान के अनुसार, “इस क्वॉर्टर के दौरान 844.4 करोड़ रुपये का रेवेन्यू आया था. जो कि पिछले साल इस अवधि में 266 करोड़ रुपये था. हालांकि इस क्वॉर्टर में कंपनी का खर्च बढ़कर 1,259.7 करोड़ रुपये हो गया. जबकि पिछले साल जून के क्वॉर्टर में ये 383.3 करोड़ रुपये था.
जोमैटो के फाउंडर और सीईओ दीपेन्द्र गोयल के अनुसार, कंपनी के टॉप 20 फीसदी डिलीवरी पार्टनर्स जो बाइक्स पर डिलीवरी करते हैं और हफ्ते में 40 घंटे से अधिक समय काम करते हैं, उन्हें औसतन प्रति महीने 27 हजार रुपये से अधिक का भुगतान मिलता है. जुलाई तक कंपनी के पास 3.1 एक्टिव डिलीवरी पार्टनर्स मौजूद हैं.
दीपेन्द्र गोयल और जोमैटो के सीएफओ अक्षत गोयल ने एक पत्र में कहा, “हमारे डिलीवरी पार्टनर्स की मेहनत को देखते हुए हम उन्हें उचित भुगतान करते हैं. हमें ख़ुशी है कि हम लाखों लोगों की आय का जरिया बन सके हैं. हमारे डिलीवरी पार्टनर्स को हमारे साथ ज्यादा कमाई करने के अवसर दिखते हैं शायद यहीं वजह है कि वो हमारे साथ काम करना पसंद करते हैं.”
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