भाग दौड़ और बढ़ते प्रदूषण के बीच लोगों में तरह-तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है. वक्त ऐसा है कि कोई भी व्यक्ति कभी भी किसी बीमारी से ग्रसित हो सकता है. हर दिन पैसे कमाकर अपने और अपने परिवार की जरूरते पूरी करने वाला व्यक्ति अगर किडनी, हार्ट या कैंसर जैसी बीमारी के चपेट में आ जाता है तो उसके पूरे जीवन की पूंजी इससे ठीक होने पर ही खर्च हो जाती है.
लोगों के इसी खर्च को बचाने के लिए क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. यह इंश्योरेंस पॉलिसी गंभीर, जानलेवा बीमारियों को कवर करता है और उसमें होने वाले खर्च से लोगों को बचाता है.
क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी बीमारी के पहले से निर्धारित स्थिति को कवर करती है. यह पॉलिसी कैंसल, पैरालिसिस, हार्ट अटैक, ट्यूमर जैसे जानलेवा बीमारी को कवर करती है. यह इंश्योरेंस उन बीमारियों को परिभाषित करती है जो इसके तहत कवर होंगी.
कैसे मिलेगा आपको इसका फायदा
इस पॉलिसी में बीमा के पैसे लेने के लिए आपको अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक नहीं है. मेडिकल जांच पॉलिसी में शामिल गंभीर रोग की पुष्टि होने पर एकमुश्त राशि का भुगतान कंपनी करती है. खास बात यह है कि इसके क्लेम के लिए रसीदों को जमा करने की जरूरत भी नहीं होती है.
कौन-कौन सी बीमारी होती है कवर
क्रिटिकल हेल्थ पॉलिसी के तहत कैंसर, दिल का दौरा, किडनी, डायलिसिस, स्ट्रोक, मेन ऑर्गन ट्रांसप्लांट, ओपन चेस्ट सीएबीजी, हार्ट वॉल्व, कोमा, अंगों का स्थायी पैरालिसिस मोटर न्यूरॉन डिसीज, मल्टीपल स्केलेरोसिस, लास्ट स्टेज का लिवर रोग, लास्ट स्टेज का फेफड़े का रोग जैसी बीमारियां कवर हो जाती हैं. बीमरियों को कवर करने की लिस्ट बीमा कंपनी पर निर्भर करती है. ऐसे में पॉलिसी लेने के पहले नियम और शर्तों को एक बार सावधानी पूर्वक जरूर पढ़ ले.
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