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प्रदेशवासियों के सामाजिक-आर्थिक हितों के लिए हर अच्छी व्यवस्था को लागू करने की कोशिश करेंगे – टी.एस. सिंहदेव

० उप मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न मुद्दों पर सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन्स से की चर्चा

० विभिन्न सेक्टरों में संचालित योजनाओं और नीतिगत विषयों पर हुआ विचार-विमर्श, मशहूर अर्थशास्त्री श्री ज्यां द्रेज भी चर्चा में रहे मौजूद

रायपुर।उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में सिविल सोसाइटी आर्गेनाइजेशन्स (Civil Society Organisations) के साथ राज्य के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने प्रदेश में काम कर रहे गैर-सरकारी संगठनों के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं, यूनिवर्सल हेल्थ केयर, पोषण, फोर्टिफाइड चावल वितरण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मातृ्त्व लाभ, सिकलसेल, टीबी एवं एनीमिया उन्मूलन से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री श्री ज्यां द्रेज भी इन चर्चाओं में शामिल हुए।

 

उप मुख्यमंत्री श्री सिंहदेव ने सिविल सोसाइटी आर्गेनाइजेशन्स के साथ चर्चा में कहा कि राज्य के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए ट्रस्ट मॉडल पर स्वास्थ्य योजनाएं संचालित की जा रही हैं। किफायती एवं निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं के दायरे में अधिक से अधिक लोगों को लाने के लिए इस सेक्टर में बजट लगातार बढ़ाया जा रहा है। इसे राज्य के जीडीपी के आठ प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के सामाजिक और आर्थिक हितों के लिए जिन अच्छी व्यवस्थाओं को लागू किया जा सकता है, प्रदेश के बजट का ध्यान रखते हुए उन्हें लागू करने की पूरी कोशिश करेंगे।

मशहूर अर्थशास्त्री  ज्यां द्रेज ने बैठक में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत दी जाने वाली राशि को बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उनकी पूरी सामाजिक सुरक्षा जरूरी है। सिविल सोसाइटी आर्गेनाइजेशन्स के प्रतिनिधियों ने बैठक में मातृत्व लाभ के अंतर्गत दी जाने वाली राशि एवं सुविधाओं को केवल एक बच्चे तक सीमित न रखकर सभी बच्चों के लिए लागू करने का सुझाव दिया। ऐसा करना बच्चे और मां की अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने मातृत्व अवकाश का लाभ हर तरह के कर्मचारियों एवं श्रमिकों को देने का भी सुझाव दिया।

राज्य में काम कर रहे विभिन्न गैर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बच्चों का पोषण स्तर सुधारने के लिए स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में मोटे अनाज को शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि रागी का उत्पादन बढ़ाकर ज्यादा मात्रा में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने आंगनबाड़ियों में छोटे बच्चों को अंडा भी नियमित रूप से देने को कहा। संगवारी संस्था के डॉ. योगेश जैन ने बैठक में कहा कि अच्छे पोषण के लिए डाइट बढ़ाने की जरूरत हैं। इसके लिए भोजन में हाई क्वालिटी प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाना चाहिए। टीबी के मरीजों के लिए भी यह बहुत जरूरी है। यह संक्रमण की दर और मृत्यु के जोखिम दोनों को 50 प्रतिशत तक कम करता है। डॉ. जैन ने सिकलसेल और एनीमिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए इसकी रणनीति बदलने का भी सुझाव दिया।

भोजन का अधिकार अभियान के श्री गंगाराम पैकरा, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के श्री आलोक शुक्ला, शहीद अस्पताल दल्लीराजहरा के डॉ. जेना, रिछारिया कैम्पेन के श्री जैकब, संगवारी संस्था के श्री अश्विनी और श्री अभिजीत, पेंशन परिषद के श्री ब्रम्हचारी, आदिवासी महिला महासंघ की सुश्री ममता कुजूर, होलीक्रॉस अस्पताल की सुश्री ममता टोप्पो, आदिवासी जन वन अधिकार मंच की सुश्री इंदु नेताम, वन अधिकार मंच के  बिजेन्द्र अजनबी, चौपाल संस्था के  नरेन्द्र कुमार दास और राइट टू फूड कैम्पेन के  राजशेखर सहित कई सिविल सोसाइटी आर्गेनाइजेशन्स के प्रतिनिधि बैठक में मौजूद थे।

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