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आईपीसी की 356 धारा के बदले न्याय संहिता आधुनिक भारतीय जरूरतों को ध्यान में रख कर तैयार किया है जिसमें 356 खंड होंगे: अधिवक्ता छाया मिश्र

पटना। भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जिसे लोक सभा में केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह ने प्रस्तुत किया है,पौने दो साल पुरानी आईपीसी और 50 साल पुरानी सीआरपीसी को समाप्त कर नया कानून बनाना है.

पटना उच्च न्यायालय में वरीय महिला अधिवक्ता और एडवोकेट्स एसोसिएशन को उपाध्यक्ष , श्रीमती छाया मिश्र ने आज बताया की आईपीसी की 356 धारा के बदले न्याय संहिता जी आधुनिक भारतीय जरूरतों को ध्यान में रख कर तैयार किया है में 356 खंड होंगे।
नए कानून में छोटी छोटी अपराधों के लिए दंड के स्थान पर सुधारात्मक उपाय के प्रावधान है,अब इन अपराधों में दंडित लोगो को सामाजिक सेवा करना पड़ेगा,यथा रेलवे स्टेशन ,बस स्टैंड की सफाई,थाना में चार पालियों में सफाई और सेवा करना,ट्रैफिक पोस्ट पर पुलिस को मदद करना होगा,इससे जेल में बंदियों की संख्या भी घटेगी

प्रस्तावित संहिता में महिलाओं और बच्ची बालको के प्रति बढ़ रहे अपराध पर नियंत्रण और डेड के लिए कड़े नियम होंगे,जस्टिस वर्मा आयोग द्वारा दिए गए सुझाव को ध्यान में रखते हुए,नाबालिग पर यौन शौषण के लिए मृत्यु दण्ड दिया जाएगा,सात और बारह वर्ष के उम्र वाले द्वारा किया गया कोई अपराध नहीं माना जायेगा,

संहिता के 352 खंड में एक प्रावधान है जिसके अनुसार भगवान या डिवाइन पावर का भय दिखाना अब अपराध है,कई साधु और मुजावर इस तरह का भय दिखा कर लोगों को दोहन करते हैं

0 नए प्रस्तावित संहिता के अनुसार प्रकृति के दोहन पर भी रोक लगेगी,पानी के विभिन्न श्रोत जिसमे तालाब झील भी शामिल हैं गंदा करना अथवा गंदगी फैलाने पर,स्वच्छता खत्म करने पर छह महीने का जेल होगा

0 संहिता के खंड 294 भी आधुनिक भारतीय जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है,लोग शादी ब्याह जैसे अवसर पर तेज गाना गाते हैं,अब यह अपराध होगा जिसके लिए तीन महीने का कारावास होगा।

0 आज कल धार्मिक स्थल पर आक्रमण होते हैं,प्रतीक पर नुकसान किया जाता है,अब ऐसा करने पर दो साल का कारावास होगा।

0 चैन स्नैचिंग जैसे अपराध जिसमे पांच हजार से कम के समान का चोरी हुआ हो,के अपराधी को अब जेल नही होगा,उसे समाज में सेवा करनी होगी
0 खाद्य और पेय पदार्थों में मिलावट के लिए छह महीने का कारावास होगा
0 तीन साल पहले कोरोना काल में लोग क्वारेंटिन सेंटर से भाग जाते थे,अब ऐसा किया तो छह महीने का जेल होना तय है

0 भ्रूण हत्या,नवजात को फेंक देना अब दंडनीय अपराध होगा और दो वर्ष का जेल ऐसे अपराध के लिए प्रस्तावित है

0 मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में बलात्कार की घटनाए हुई।अब नए कानून के अनुसार,रिमांड होने,बाल गृह,पुलिस चौकी में ऐसी घटना हुई तो संबंधित प्रभारी को छह महीने का जेल होगा

0 काम काजी महिलाओं को कार्य स्थल पर अधिकारी प्रताड़ित करते हैं,प्रमोशन नही देते है,अब ऐसे अधिकारी भी तीन साल की कारावास के पात्र होंगे

0 खंड 87 के अनुसार जबरन गर्भपात की सजा सात साल को होगी
0 आईपीसी की धारा 309 समाप्त हुई और अब आत्म हत्या के प्रयास को अपराध की श्रेणी से विमुक्त कर दिया गया है।

देश में तकनीकी का विकास हुआ है,इसका उपयोग अब त्वरित न्याय के लिए होगा,कोर्ट और कारावास में विडियो के द्वारा संबंध होगा,सुनवाई होगी और न्याय होगा,केस के फाइल होने और निर्णय के बीच तीन साल का समय दिया गया है।

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