रायपुर। महंगाई भत्ते को लेकर प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी कल सोमवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन की पूरी तैयारी कर ली है। ऐसे में सभी शासकीय कार्यालयीन काम ठप पड़ जाएंगे। जनता हलाकान हो जाएगी। इधर सरकार भी समझौते के मूड में बिल्कुल नहीं है। सख्ती के मूड में सरकार आ गई है।
बता दें कि मांग को लेकर प्रदेश के 5 लाख कर्मचारी-अधिकारी 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे कामकाज पर पड़ने वाले असर को देखते हुए सरकार हड़ताली गुट पर कार्रवाई करने के मूड में है। इसलिए शासन ने पहले ही सभी कलेक्टरों को संविदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मार्फ़त व्यवस्था सुचारू रूप से करने के निर्देश दे रखे हैं। इसके अलावा सरकार के पास एस्मा लगाए जाने का विकल्प भी उपलब्ध है।
पिछले दिनों राज्य सरकार ने कर्मचारी-अधिकारियों को 1 अगस्त 2022 से 6% महंगाई भत्ता देने का आदेश दिया है, लेकिन फेडरेशन जुलाई 2020 से भत्ता देने की मांग कर रही है। इसी बात को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन 22 अगस्त से प्रदेश के 23 जिलों में अनिश्चितकालीन आंदोलन करने जा रही है।
बताया गया है कि इस आंदोलन में तहसीलदार, नायाब तहसीलदार सहित राज्य के 91 कर्मचारी-अधिकारी संगठनों के साथ देने की बात कही जा रही है। पिछले बार किए गए हड़ताल से बनी स्थिति को देखते हुए सरकार अब की बार हड़ताली गुट पर कार्रवाई कर सकती है।
इसके साथ ही संविदा और सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियों के जरिए काम को सुचारू तौर पर चलाने के कलेक्टरों को निर्देश देने के साथ बाढ़ और बारिश की स्थिति में प्रशासन को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं।