महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी की तरफ से मंदिरों को खोलने की मांग और इसके विरोध में प्रदर्शन की मंगलवार को कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग यात्रा निकालना चाहते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि लोग कार्यक्रम आयोजित कर आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डालना चाहते हैं.
महाराष्ट्र सीएम ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार ने भी यह कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर आने की उम्मीद है. इसके साथ ही, राज्यों से पत्रों के जरिए कहा गया है कि दही हांडी और गणेशोत्सव के दौरान लोग सार्वजनिक कार्यक्रमों से परहेज करें. उद्धव ने कहा कि हमें यह पत्र उन लोगों को दिखाना चाहिए, जो प्रदर्शन कर रहे हैं.
महाराष्ट्र में महा-विकास आघाड़ी नेतृत्व वाली सरकार के मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं देने के विरोध में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राज्य के कई शहरों में प्रदर्शन किया. कोविड-19 प्रतिबंध के कारण मंदिर बंद हैं. कई जगहों पर धरने प्रदर्शन के दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया.
इस बीच, मुंबई में कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार और अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. एक अधिकारी ने बताया कि गामदेवी पुलिस ने मुनगंटीवार और 30 अन्य कार्यकर्ताओं को पहले हिरासत में लिया और बाद में इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.
भाजपा के आध्यात्मिक आघाड़ी द्वारा पुणे, मुंबई, नासिक, नागपुर, पंढरपुर, औरंगाबाद और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने घंटी और शंख बजाया. पुणे और औरंगाबाद में, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद मंदिरों में जबरन घुसने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. पुणे शहर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने राज्य सरकार द्वारा शराब और अन्य दुकानों को संचालन की अनुमति देने, लेकिन मंदिरों और अन्य पूजा स्थलों को खोलने की इजाजत नहीं देने पर सवाल उठाया.
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