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‘चांद की सतह पर चंद्रयान-3 के रोवर ने बनाया अनोखा रिकॉर्ड, लैंडर से रोवर 100 मीटर दूर हुआ

नेशनल न्यूज़। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘‘निष्क्रिय” किया जाएगा। सोमनाथ ने कहा कि लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ अब भी काम कर रहे हैं और ‘‘हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है।” उन्होंने कहा, ‘‘अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है।”

चंद्रयान 3 के रोवर की इस सफलता को लेकर ISRO ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट भी किया है। इसमें कहा गया है, “चंद्रयान 3 मिशन, प्रज्ञान 100* । इन सब के बीच चांद के ऊपर प्रज्ञान रोवर ने अभी तक 100 मीटर की दूरी तय कर ली है और लगातार आगे बढ़ रहा है।

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि रोवर और लैंडर को “स्लीप मोड” में डालने की प्रक्रिया एक या दो दिन में शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रोवर और लैंडर को स्लीप मोड में लाने की प्रक्रिया एक या दो दिन में शुरू होगी क्योंकि उन्हें रात का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा की वजह से भारत ने अंतरिक्ष प्रक्षेपणों का निजीकरण कर दिया है और इस क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोलना चाहता है क्योंकि इसका लक्ष्य अगले दशक के भीतर वैश्विक प्रक्षेपण बाजार में अपनी हिस्सेदारी में पांच गुना वृद्धि करना है।
इससे पहले इसरो (ISRO) ने पीएसएलवी रॉकेट पर सवार आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान शनिवार को सफलतापूर्वक अलग हो गया और अब यह सूर्य की ओर 125 दिन की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ेगा। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष यान को “सटीक कक्षा” में स्थापित कर दिया गया है। यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र से ‘आदित्य एल1′ का शनिवार पूर्वाह्न 11:50 बजे सफल प्रक्षेपण किया गया।

सोमनाथ ने कहा, “आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को पीएसएलवी ने बहुत सटीक तरीके से 235 गुणा 19,500 किलोमीटर की अपेक्षित अंडाकार कक्षा में स्थापित कर दिया।” उनके साथ यहां मिशन नियंत्रण केंद्र में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, परियोजना निदेशक निगार शाजी और मिशन निदेशक बीजू भी मौजूद थे। सोमनाथ ने कहा, “अब से आदित्य एल1 सूर्य की ओर 125 दिन की लंबी यात्रा पर जाएगा।”

 

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