देश में जब कोरोना वैक्सीनेशन का आगाज हुआ तक सबसे पहले जिन लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया वह थे देश के स्वास्थ्यकर्मी. लेकिन, जनवरी में शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के सात महीने बीतने के बाद भी हर पांच में से एक स्वास्थ्य कर्मी को कोरोना टीके की दूसरी डोज नहीं लग पाई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के कई राज्य जैसे पंजाब, कर्नाटक और दिल्ली जैसे प्रदेशों में कई स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना टीके की दूसरी डोज अभी तक नहीं लग पाई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में अब तक 1.03 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना टीके की पहली डोज लगी है जबकि 84 लाख लोगों को कोरोना टीके की दूसरी डोज लगी है. अगर फ्रंटलाइन वर्कर्स (Frontline Workers) की बात करें तो कुल 1.84 करोड़ लोगों को कोरोना का पहला टीका लगा है जबकि 1.83 करोड़ लोगों को कोरोना की दूसरी डोज लगी है.
बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक लगभग देश में दिल्ली, पंजाब और कर्नाटक को छोड़कर लगभग हर राज्य में 95 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का पहला टीका लग चुका है. वहीं केरल, हरियाणा और झारखंड में लगभग सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का पहला टीका लग चुका है और 85 प्रतिशत लोगों को दूसरा टीका लग चुका है. हिमाचल प्रदेश में 38 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही कोरोना टीके की दूसरी
वहीं तमिलनाडु में सिर्फ 60 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना की दूसरी डोज लगी है. वहीं फ्रंटलाइन वर्कर्स में सिर्फ 40 प्रतिशत लोगों को ही कोरोना की दूसरा टीका लगा है. हिमाचल प्रदेश में 38 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही कोरोना टीके की दूसरी डोज लगी है. दिल्ली में 57 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को दूसरी डोज लग पाई है. वहीं राजस्थान, उड़ीसा, गुजरात और असम में फ्रंटलाइन वर्कर्स को सबसे ज्यादा टीके लगाए गए है.
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