छत्तीसगढ़ से कोयला उत्पादन और आपूर्ति रुकने के बाद राजस्थान में देखते ही देखते बिजली संकट फिर एक बार भयावह रूप ले रहा है। त्योहारों की सीजन सर्दियों से पहले ही राजस्थान की कांग्रेस सरकार को कांग्रेस शासित देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक छत्तीसगढ़ से ही कोयला ना मिलने से 10 यूनिट ठप हुए है और 4442 मेगावाट बिजली की कटौती हो गयी है। केंद्र सरकारने राजस्थान को छत्तीसगढ़ में तीन खदाने आवंटित की है पर वह स्थानीय कलेक्टर के आदेश के चलते कोयला पैदा नहीं कर पा रही। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने कई बार कांग्रेस के आला नेता सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कई बार अपने राज्य की खदाने खोलने के लिए अनुरोध किया है।
यह बिजली संकट तब शुरू हुआ जब छत्तीसगढ़ में 150 लाख टन कोयला पैदा करने वाली परसा ईस्ट केते बसन खदान पिछले महीने बंद हो गई और बाकी की दो खदानें परसा और केते ईस्ट के विकास का काम राज्य प्रशासन ने अटका दिया। इसके चलते राजस्थान ने सरकार और कांग्रेस पार्टी की तरफ से छत्तीसगढ़ खुदको बिजली संकट से बचाने के लिए दबाव बनाया हुआ है ताकि जल्द ही वह खुदकी खदानों को चालू कर सके। याद रहे की राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव साथ होंगे और दोनों के बिच चल रही असहजता कांग्रेस आला कमान के लिए भी चिंता का विषय है। राजस्थान की सुरगुजा जिले में खदाने रुक जाने से सेंकडो स्थानीय कर्मचारीओ की नौकरी चली गयी है और राज्य सरकार को करीब एक हज़ार करोड़ रुपये का नुकशान हो रहा है। इसके चलते पिछड़े हुए सुरगुजा में व्यापर रोजगार पर भी विपरीत असर हुआ है।
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