BCCI के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह अपने पद पर बने रह सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को अपने संविधान में बदलाव की इजाजत दे दी है। हालांकि SC ने कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर मंगलवार को नरम रुख दिखाया था। SC से राहत मिलने पर BCCI के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल 6 साल तक के लिए हो सकता है।
BCCI के नए ऑफिशियल्स का चुनाव 2019 में हुआ था। इसमें सौरव गांगुली अध्यक्ष, जय शाह सचिव, अरुण धूमल कोषाध्यक्ष और जयेश जॉर्ज संयुक्त सचिव चुने गए थे। चुनाव के दो महीने बाद ही BCCI ने कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
तीन साल से सुप्रीम कोर्ट में अटके मामले
करीब तीन साल से सुप्रीम कोर्ट में अटके इस मामले पर शीर्ष अदालत ने बुधवार 14 सितंबर को इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाया, कोर्ट ने BCCI की अपील को स्वीकार किया और बोर्ड के द्वारा कार्यकाल को लेकर प्रस्तावित संशोधनों पर अपनी मुहर लगाई।
BCCI को क्या आपत्ति है?
इस मामले में BCCI का कहना है कि कूलिंग ऑफ पीरियड किसी सदस्य के एक ही स्थान पर लगातार छह साल तक पद संभालने के बाद आना चाहिए, न कि स्टेट फेडरेशन या BCCI या दोनों को मिलाकर। मौजूदा संविधान के मुताबिक पदाधिकारी अगर राज्य संघ या BCCI या इन दोनों को मिलाकर छह साल का कार्यकाल पूरा करता है तो उसे कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होगा।
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