केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ऑटो और ड्रोन सेक्टर के लिए पीएलआई योजना को मंज़ूरी मिल गयी है. इसके साथ ही कैबिनेट ने टेलीकॉम सेक्टर के रिवाइवल पैकेज को दी मंजूरी दे दी है. पीएलआई योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देना और रोजगार सृजन है.
पिछले साल सरकार ने वाहन तथा वाहन कलपुर्जा क्षेत्र के लिए प़ीएलआई योजना की घोषणा की थी. इस योजना के तहत पांच साल में 57,043 करोड़ रुपये की राशि रखी गई थी.
इस योजना के तहत कलपुर्जों में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन असेंबली, इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग सिस्टम, सेंसर, सुपरकैपिसेटर, सनरूफ, एडाप्टिक फ्रंट लाइटिंग, ऑटोमैटिक ब्रेकिंग, टायर दबाव निगरानी प्रणाली तथा टक्कर चेतावनी प्रणाली को शामिल किया जायेगा.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक राहत पैकेज को भी मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को राहत देना है, जिन्हें हजारों करोड़ का पिछला वैधानिक बकाया चुकाना है.
सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित राहत उपायों में बकाया चुकाने में मेहलत देना, एजीआर को फिर से परिभाषित करना और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क में कटौती शामिल हैं, जिसके जरिए इस बीमारू क्षेत्र में सुधार किए जा सकते हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव जल्द ही मीडिया को जानकारी देंगे. ऐसे वक्त में जब वोडाफोन आइडिया अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है, दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत पैकेज से निजी क्षेत्र की तीन कंपनियों को संकट से उबरने में मदद मिलेगी.
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