यह एक महाराष्ट्रीयन मीठी रोटी है, और महाराष्ट्र में सबसे अधिक मांग वाले उत्सवों में से एक है। यह खोया या मावा, घी, बेसन और दूध से तैयार एक हेल्दी डिश है।
इसे बनाने के लिए आपको चाहिए
2 कप खोया
1 बड़ा चम्मच खसखस
1 बड़ा चम्मच सूखे खजूर का पाउडर
एक कप कैस्टर शुगर
आधा कप घी
मैदा या बेसन
दूध
विधि
० साटोरी रेसिपी बनाने के लिए सबसे पहले मैदे या बेसन का गाढ़ा आटा गूंथ लें। इसे 30 मिनट के लिए अलग रख दें।
० इस बीच आप स्टफिंग बना सकती हैं। एक पैन में घी डालें और खोया को तब तक तलें जब तक किनारों से घी न छूटने लगे। इसमें लगभग 5 से 8 मिनट लग सकते हैं।
० इसे बार-बार हिलाएं, क्योंकि खोया बहुत आसानी से जल सकता है। इसे ठंडा होने के लिए एक तरफ रख दें।
० थोडा़ सा घी डालें और एक के बाद एक खसखस और सूखे खजूर का पाउडर भून लें। खसखस और सूखे खजूर के पाउडर को अलग-अलग रख लें।
० जब खसखस ठंडा हो जाए तो उसे पीसकर पाउडर बना लें।
० खोया, खजूर का पाउडर, खसखस और पिसी चीनी को मिलाकर सतोरी बनाने के लिए भरावन तैयार कर लें। एक सजातीय मिश्रण बनाने के लिए मिश्रण को पीस लें। अगर फिलिंग ज्यादा सूखी है तो थोड़ा दूध डालें।
० आटे से एक छोटी लोई तैयार करें, इसे एक छोटी पूरी बनाने के लिए रोल करें, और स्टफिंग को पूरी के अंदर डाल दें, जैसे कोई भरवां पराठा या पूरनपोली बनाता है।
० बेलन का प्रयोग कर, साटोरी को 1″ मोटी और 5″ व्यास की मोटी चपाती में बेल लें।
० मध्यम आंच पर घी का प्रयोग कर साटोरी को दोनों तरफ से तल लें। साटोरी को तलते समय फूलना चाहिए।
० साटोरी को किचन टॉवल पर ठंडा होने के लिए रख दें, आप इन्हें लगभग 7 से 10 दिनों के लिए एक एयरटाइट कंटेनर में स्टोर कर सकते हैं।आपकी साटोरी तैयार है।