सरकार सोलर उपकरणों पर जल्दी ही कस्टम ड्यूटी लगा सकती है. न्यू एंड री-न्यूबल एनर्जी मिनिस्ट्री ने सोलर मैन्यूफैक्चरर्स से कहा है कि वे मशीनरी और कैपिटल गुड्स की लिस्ट मुहैया कराए, जिन पर बेसिक कस्टम ड्यूटी न लगाया जा सके. सरकार के इस कदम से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं सोलर उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी लगाई जा सकती है.
न्यू एंड री-न्यूबल एनर्जी मंत्रालय ने इस सबंध में वित्त मंत्रालय और हैवी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री से बातचीत की है. घरेलू सोलर उपकरण निर्माता कंपनियों के अधिकारियों ने सरकार की इस मंशा को लेकर खुशी जताई है क्योंकि इससे उन्हें चीनी सोलर उपकरणों की डंपिंग का सामना करने में मदद मिलेगी. घरेलू सोलर उपकरण निर्माताओं को लंबे समय से आयातित सोलर उपकरणों पर ड्यूटी लगाए जाने की उम्मीद थी.
बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि 1 अगस्त से बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाई जा सकती है ताकि चीनी सोलर उपकरणों की डंपिंग से घरेलू उपकरण निर्माताओं को नुकसान हो. हालांकि इससे घरेलू निर्माताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि 80 फीसदी उपकरण बाहर से सोर्स किए जाते हैं.
सरकार ने इससे पहले साल 2018 में सोलर सेल और मॉड्यूल को रोकने के लिए शेफगार्ड ड्यूटी लगाई थी, जो इस साल जुलाई में समाप्त हो गई. ऐसे में सरकार ने 20 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाने का ऐलान किया है. कई घरेलू सोलर पैनल विक्रेताओं का मानना है कि इससे सोलर ऊर्जा उत्पादन को मुश्किल आ सकती है क्योंकि सरकार ने साल 2022 तक 100 गीगा वॉट सोलर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
भारत दुनिया में अमेरिका और चीन के बाद सोलर ऊर्जा का सबसे ज्यादा खपत वाला देश है. देश की सोलर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 3 गीगावाट की है, भारत ने साल 2018-19 में करीब 2.16 बिलियन डॉलर का सोलर फोटोवोल्टिक सेल पैनल और मॉड्यूल का आयात किया था.