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राजिम तहसील कार्यालय से एक गांव के भूमि संबंधी दस्तावेज गुम , ग्रामीणों ने जताई आशंका

गरियाबंद। मंगलवार कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे ग्राम पंचायत कोन्दकेरा के ग्रामीणों ने गांव के भूमि संबंधी दस्तावेज गुम होने की शिकायत दर्ज कराई। कलेक्टर के समक्ष पंचायत के लेटरपैड पर लिखित तहरीर पेश करते हुये ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 2020 – 21 से ग्राम पंचायत कोन्दकेरा के भूमि संबंधी सम्पूर्ण दस्तावेज राजिम तहसील कार्यालय में नही है। तहसीलदार से जानकारी मांगने पर गांव के किसानों को डराया धमकाया जाता है।

बार बार जब यही प्रश्न आने लगा तब ग्रामीणों को तहसीलदार द्वारा बताया गया कि ग्राम कोन्दकेरा के भूमि संबंधित दस्तावेज तहसील कार्यालय से चोरी हो गया है। जिसकी शिकायत राजिम थाने में दर्ज कराई गई है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तत्कालीन पदस्थ नायाब तहसीलदार कृष्ण मूर्ति दीवान को मामले की पूरी जानकारी होते हुये भी किसी प्रकार की कार्रवाई नही की गई। शिकायतकर्ता किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि वर्ष 2020 – 21 में फसल क्षतिपूर्ति राशि में तत्कालीन पटवारी तथा कोटवार द्वारा मिलकर भ्रष्टाचार किया गया है। इसके बाद ही गांव के सम्पूर्ण दस्तावेज तहसील कार्यालय से गायब हो गये है।

कानपुर का मामला , सफाई कर्मी ने कबाड़ में बेचे सरकारी दस्तावेज

कुछ इसी तरह का मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में है। कानपुर विकास भवन में समाज कल्याण विभाग के वर्ष 2016 से 2022 तक के रिकार्ड और वित्तीय वर्ष 2023 में मृतक 2071 वृद्धों का दोबारा कराया गया सत्यापन का रिकॉर्ड गायब है। इस मामले में पता चला है कि कार्यालय में पदस्थ सफाई कर्मी शराब के लिये इन दस्तावेजों को कबाड़ी को बेच दिया करता था। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई है।

राजिम तहसील कार्यालय के मामले में वर्तमान पदस्थ राजिम तहसीलदार रमेश कुमार मेहता से फोन पर की गई चर्चा में उन्होंने बताया कि अभी हाल ही पदस्थ होने की वजह से मेरे लिये कुछ भी स्पष्ट कहना संभव नहीं है , किन्तु प्रारम्भिक जानकारी के अनुसार कार्यालय के कुछ दस्तावेज चोरी हुये है इतना अवश्य है, जिसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है।

 

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