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जीईसी के नए छात्रों को इंटरनेट ऑफ थिंग्स की अवधारणाओं से परिचित कराया गया

रायपुर। शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय रायपुर में आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम के नवम दिवस की शुरुआत वीणापाणि माँ सरस्वती जी को पुष्पांजलि देकर तथा दीप प्रज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और वक्ता सहायक प्रोफेसर अमितेश कुमार झा (सहायक प्राध्यापक सी.एस.आई.टी, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर) के सम्मान में पौधा देकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत प्रोफेसर डॉ. एम. आर. खान (प्राचार्य जीईसी रायपुर ) और प्रोफेसर डॉ. श्वेता चौबे (विभागाध्यक्ष, बेसिक साइंस) जी ने किया।

श्री झा ने नए छात्रों को इंटरनेट ऑफ थिंग्स की अवधारणाओं से परिचित कराते हुए अपने सत्र की शुरुआत की और उन्हें बताया कि कैसे इंटरनेट एम्बेडेड उपकरणों का एक पूरा पारिस्थितिकी तंत्र आईओटी के विभिन्न पहलुओं जैसे डिवाइस कनेक्शन, संचार, डेटा सेंसिंग के माध्यम से मानव जीवन को बहुत आसान बना सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सीखने के विभिन्न प्रकारों जैसे सुपरवाइज्ड, अनसुपरवाइज्ड और रीइनफोर्समेंट लर्निंग का विश्लेषण और विस्तार किया गया। श्री झा ने आईओटी के फायदों पर भी प्रकाश डाला जैसे बड़ी मात्रा में डेटा एकत्र करना और कार्यों को स्वचालित करने के लिए, विश्लेषण करने हेतु, जिससे मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता कम हो जाती है। श्री झा ने आईओटी से सावधान रहने की भी सलाह दी क्योंकि इसके कई नुकसान भी हैं जैसे की हैकर के हमलों के लिए संभावनाओं को बढ़ाना आदि । श्री झा ने यह भी कहा कि ब्लॉकचेन इंटरनेट सुरक्षा का भविष्य है उन्होंने आईओटी में सेंसर और एक्चुएटर प्रोफेशनल, एंबेडेड प्रोग्राम इंजीनियरिंग आदि जैसे कैरियर के अवसरों को भी सूचीबद्ध किया।
श्री झा ने छात्रों को एथिकल हैकिंग के विचार से भी परिचित कराया।

उन्होंने यह बताने के लिए अंत में एक इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किया कि कोई व्यक्ति लीग से हटकर विश्लेषणात्मक सोच कैसे विकसित करता है । सत्र के अंत में, अमितेश कुमार झा को प्रोफेसर डॉ एमआर खान, प्रोफेसर डॉ श्वेता चौबे और प्रोफेसर डॉ आरएस परिहार (विभागाध्यक्ष , ईईई ) द्वारा एक स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। द्वितीय सत्र में एसोसिएशन ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर्स क्लब ने नव प्रवेशित छात्रों को अपने क्लब का परिचय दिया। क्लब के सदस्यों ने क्लब के उद्देश्यों और कार्यप्रणाली और पिछले आयोजनों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने क्लब द्वारा बनाए गए रोबोट और ड्रोन का प्रदर्शन करके सत्र का समापन किया। तृतीय सत्र में लैंग्वेज ओरिएंटेड क्लब (लोक क्लब) के छात्रों ने अपने क्लब के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया जैसे क्लब में आयोजित होने वाले सत्रों की विभिन्न श्रेणियां और नियमित रूप से होने वाली गतिविधियाँ।

क्लब के सदस्यों द्वारा एक्सटेम्पोर, हॉट सीट और अल्फाबेटिकल गेम्स जैसी कई मनोरंजक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। कार्यक्रम के अंत में क्लब प्रभारी डॉ अनिल मांझी सर ने क्लब संबंधित अपनी बातें रखीं और छात्रों को प्रोत्साहित किया की ज्ञान और व्यक्तित्व के विकास में भाषा का बहुत अहम भूमिका है, और यह क्लब भाषा के विकास हेतु एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। बच्चों को इस सुनहरे अवसर का भरपूर फायदा उठाना चाहिए। इस प्रकार तृतीय सत्र समाप्त हुआ। दिन के अंत में, एनएसएस स्वयंसेवक आशीष कुमार और अन्य स्वयंसेवकों ने एक माइम एक्ट प्रस्तुत किया, जिसमें भारत के प्राचीन इतिहास और स्वतंत्रता सेनानियों और देश के अन्य प्रसिद्ध योद्धाओं जैसे बिलासाबाई केवटिन, चंद्रशेखर आज़ाद, मंगल पांडे और विक्रम बत्रा के संघर्ष और गौरव को प्रदर्शित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन में डाॅ विनीत कुमार शुक्ला जी ने उपस्थित अतिथियों, पदाधिकारियों, मुख्य वक्ताओं, पालकों, शिक्षकों, छात्रों, स्टाफ़ आदि को हृदय से आभार व्यक्त कर कार्यक्रम के अगले दिवस के गतिविधियों से अवगत कराया। कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी डॉ. अनिल माँझी एवं  प्रशांत साहू ने मीडिया को जानकारी साझा करते हुए सूचना दी कि, उक्त कार्यक्रम प्रो. डॉ. एस. के. दबड़गाँव, प्रो. डॉ. एस. डी. दीवान, डॉ. रचना रस्तोगी, सुश्री शशिबाला किंडो, अनिल खत्री, डॉ. आर. एन. देवांगन, डॉ. आरती श्रीवास्तव, आशीष सिंह ठाकुर, आदि की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ ।

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