राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके अपने एक दिवसीय रायगढ़ प्रवास के दौरान ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुई। यहां उन्होंने उपाधि प्राप्त छात्रों को बधाई देते हुए कहा की दीक्षांत समारोह आपके जीवन के एक महत्वपूर्ण चरण के पूरा होने का प्रतीक है। आप सभी ने अपने मूल विषय में ज्ञान और अंर्तदृष्टि प्राप्त करने तथा मूल्यों को विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत की है। इसी प्रकार जीवन में लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच के फलस्वरूप ही सफलता के सोपान तय करेंगे। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल सुश्री उइके ने स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक प्राप्त छात्रों को पदक वितरण किया।
उन्होंने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज युवाओं को अच्छी तरह से प्रशिक्षित तथा प्रेरित करने के साथ-साथ उनमें उद्यमशीलता की भावना जगाने की जरूरत है। उन्हें अपना रास्ता तय करने के लिए मार्गदर्शित करने की आवश्यकता है। प्रत्येक विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह संकल्पना करें और राष्ट्र के विकास के लिए नई और उपयुक्त तकनीकों का निर्माण करें। अनुसंधान के लिए, समस्या समाधान के तरीकों के लिए, विकास के लिए अपने विद्यार्थियों के बीच नए विचारों, नवाचारों और उद्यमिता की सोच को पल्लवित और पोषित करें। नए विचारों और प्रौद्योगिकियों को कार्यशालाओं और उत्पादन तक लाकर दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए कार्य करना चाहिए।
उन्होंने छात्रों से कहा कि आप अपने आपको इतना योग्य बनायें की आजीविका आपकी खोज करें न की आप आजीविका की। विश्वविद्यालय के परिसर से दीक्षित होकर निकलना, आपको समाज की उच्च अपेक्षाओं पर खरा उतरने की जिम्मेदारी भी देता है। डिग्री से ज्यादा, आपको यहां से प्राप्त ज्ञान और आत्मसात मूल्य आपको मार्गदर्शन प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि विश्वविद्यालय में देश के 18 से अधिक राज्यों के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यह परिसर विद्यार्थियों को एक बहुसांस्कृतिक और बहुजातीय वातावरण उपलब्ध करा रहा है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों का आपसी संवाद उन्हें एक व्यापक दृष्टि देता है और सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाता है।
इस मौके पर यूनिवर्सिटी की चांसलर श्रीमती शालू जिंदल ने सभी पास आउट विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप अपने जीवन में यहां पढ़ाई के दौरान मिले ज्ञान और सीख का बेहतर उपयोग करें। आज के प्रतियोगी माहौल में सारे प्रोफेशन में एक्सीलेंस की उम्मीद होती है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने स्किल पर लगातार काम करते रहे हैं। जिससे न केवल आप अपनी अलग पहचान बना पाएंगे बल्कि सफलता की नई ऊंचाइयां भी छुएंगे।
समारोह में स्वागत उद्बोधन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ.आर.डी.पाटीदार ने दिया। उन्होंने यूनिवर्सिटी के वार्षिक प्रतिवेदन का वाचन करते हुए एकेडमिक एक्टिविटी के उपलब्धियों का ब्योरा साझा किया। इस अवसर पर डॉ.उमेश मिश्रा, चेयरमैन, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग, शहीद नंद कुमार पटेल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ.ललित प्रकाश पटेरिया, एडीएम सुश्री संतन देवी जांगड़े, नगर निगम आयुक्त श्री संबित मिश्रा, एमडी जेएसपीएल श्री विमलेंद्र झा, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर जेएसपीएल श्रीसब्यसाची बंदोपाध्याय, रजिस्ट्रार श्री सत्यव्रत दास, हेड एचआर श्री जिरार्ड रोड्रिग्स सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, उनके परिजन व यूनिवर्सिटी के स्टाफ उपस्थित थे।
738 छात्रों को मिली उपाधि
ओपी जिंदल के द्वितीय दीक्षांत समारोह में कुल 738 स्नातकों को उपाधि प्रदान की गयी। जिसमें 31 स्वर्ण पदकए 28 रजत पदक और 27 कांस्य पदक शामिल थे। शेष सभी को स्नातक की उपाधि दी गई।
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